बड़ी गेमिंग फर्मों में शामिल Delta Corp को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) में 6,384 करोड़ रुपये की कथित तौर पर कमी के लिए नया नोटिस मिला है। पिछले महीने डेल्टा कॉर्प को 16,822 करोड़ रुपये का टैक्स चुकाने से जुड़ा नोटिस मिला था। इससे पहले इस सेगमेंट की कुछ अन्य फर्मों को भी GST चुकाने के नोटिस मिले थे।
डेल्टा कॉर्प ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया है, "इस नोटिस में डेल्टाटेक गेमिंग लिमिटेड को टैक्स में कथित तौर पर कमी का भुगतान इंटरेस्ट और पेनल्टी के साथ करने के लिए कहा गया है। नोटिस में
फर्म के CEO और एग्जिक्यूटिवस डायरेक्टर को नियमित मामलों का प्रभारी होने के तौर पर पेनल्टी के लिए जवाबदेह बताया गया है।" हालांकि, इस बारे में डेल्टा कॉर्प ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा है कि इन नोटिस में मांगी गई रकम अन्य विषयों के साथ है और यह संबंधित अवधि में सभी गेम्स की कुल बेट वैल्यू पर आधारित है। फर्म का कहना है कि कुल रेक राशि के बजाय कुल बेट वैल्यू पर GST की मांग इंडस्ट्री के स्तर का मुद्दा है और इसे लेकर इस इंडस्ट्री ने सरकार को विभिन्न ज्ञापन दिए हैं।
इस फर्म को पिछले महीने डायरेक्टरेट जनरल ऑफ GST इंटेलिजेंस से 11,140 करोड़ रुपये के बकाया टैक्स को चुकाने के लिए
नोटिस मिला था। इसके अलावा इसकी तीन सब्सिडियरीज को 5,682 करोड़ रुपये की रकम के लिए नोटिस जारी किए गए थे। यह बकाया टैक्स चार वर्ष से अधिक अवधि का है। GST काउंसिल ने जुलाई में ऑनलाइन गेमिंग, हॉर्स रेसिंग और कैसिनो की पूरी वैल्यू पर 28 प्रतिशत का GST लगाने की सहमति दी थी। GST काउंसिल का मानना था कि 'गेम ऑफ स्किल' और 'गेम ऑफ चांस' के बीच कोई अंतर नहीं होना चाहिए। इसके बाद संसद में सेंट्रल और इंटीग्रेटेड GST कानूनों में संशोधनों को पारित किया गया था।
बड़ी ऑनलाइन गेमिंग फर्मों का प्रतिनिधित्व करने वाली FICCI की गेमिंग कमेटी ने CBIC से ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्स नहीं बढ़ाने का निवेदन किया था। इसका कहना था कि ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को इससे बड़ा नुकसान होगा क्योंकि कोई कारोबार इतने ज्यादा टैक्स के साथ नहीं चल सकता। ई-गेमिंग फेडरेशन ने ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत का टैक्स लगाने के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। इसका कहना था इस टैक्स से इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगेगा।