OTT प्लेटफॉर्म्स की लगाम कसने की तैयारी में सरकार

पायरेसी की समस्या में भी OTT प्लेटफॉर्म्स की हिस्सेदारी है। अवैध कंटेंट के लिए स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स बड़ा सोर्स बन रहे हैं

विज्ञापन
Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 27 अक्टूबर 2024 22:42 IST
ख़ास बातें
  • OTT के सेल्फ-रेगुलेटरी गाइडलाइंस का पालन नहीं करने को लेकर चिंता बढ़ी है
  • पायरेसी की समस्या में भी OTT प्लेटफॉर्म्स की हिस्सेदारी है
  • अवैध कंटेंट के लिए स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स बड़ा सोर्स बन रहे हैं

पायरेसी की समस्या में भी इन प्लेटफॉर्म्स की हिस्सेदारी है

पिछले कुछ वर्षों में ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ शिकायतें तेजी से बढ़ी हैं। इन प्लेटफॉर्म्स के कंटेंट को रेगुलेट करने के लिए केंद्र सरकार एक नई ब्रॉडकास्ट पॉलिसी बना रही है। OTT के सेल्फ-रेगुलेटरी गाइडलाइंस का पालन नहीं करने को लेकर चिंता बढ़ी है। इस वजह से सरकार इन्हें रेगुलेटर करने की तैयारी कर रही है। 

मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर इनफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग L Murugan ने बताया कि संसद में इस पॉलिसी को पेश करने से पहले मिनिस्ट्री इंडस्ट्री के फीडबैक और पब्लिक के इनपुट का आकलन कर रही है। उन्होंने कहा कि इन प्लेटफॉर्म्स ने व्युअर ऐज क्लासिफिकेशन और कंटेंट एडवाइजरीज जैसे उपाय शुरू किए हैं। हालांकि, सेल्फ-रेगुलेशन के इन तरीकों पर इस इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर्स और पब्लिक दोनों ने सवाल उठाए हैं। OTT सर्विसेज डिस्क्लेमर प्रदर्शित करने के साथ ही व्यस्क दर्शकों के लिए कंटेंट को टैग करती हैं। इसका उद्देश्य दर्शकों को जानकारी के साथ चयन का विकल्प देने का होता है। 

मुरूगन ने बताया कि इन उपायों के बावजूद OTT प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ बड़ी संख्या में शिकायतें मिल रही हैं। इन शिकायतों में कहा जाता है कि ये प्लेटफॉर्म्स गाइडलाइंस का लगातार पालन नहीं करते। इस वजह से मिनिस्ट्री ने इन प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट को रेगुलेट करने के लिए पॉलिसी बनाने की शुरुआत की है। इसके अलावा सरकार प्राइवेट FM चैनल्स को न्यूज बुलेटिन प्रसारित करने की अनुमति देने पर भी विचार कर रही है। 

पायरेसी की समस्या में भी OTT प्लेटफॉर्म्स की हिस्सेदारी है। कंसल्टेंसी फर्म EY और इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष पायरेसी का कारोबार बढ़कर लगभग 224 अरब रुपये पर पहुंच गया। इसमें लगभग 137 अरब रुपये पायरेटेड मूवी थिएटर कंटेंट और 87 अरब रुपये अवैध OTT प्लेटफॉर्म कंटेंट से मिले थे। पायरेटेड कंटेंट की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। अवैध कंटेंट के लिए स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स बड़ा सोर्स बन रहे हैं। पायरेटेड कंटेंट में इनकी हिस्सेदारी लगभग 63 प्रतिशत की है। इसके बाद मोबाइल ऐप्स (लगभग 16 प्रतिशत) और टॉरेंट और सोशल मीडिया (लगभग 21 प्रतिशत) हैं। देश में मीडिया के कंज्यूमर्स में से लगभग 51 प्रतिशत पायरेटेड सोर्सेज का इस्तेमाल कर रहे हैं। इनमें से 75 प्रतिशत से अधिक 19-34 आयु वर्ग में हैं। आमतौर पर, पुरुषों को पुरानी फिल्में और महिलाओं को OTT कंटेंट ज्यादा पसंद आता है। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Apple iPhone 17 भारत में A19 चिप, 24MP सेल्फी कैमरा के साथ 82900 रुपये में लॉन्च
  2. iPhone Air भारत में 1 लाख 19 हजार 900 रुपये में लॉन्च, Apple का सबसे पतला आईफोन
  3. 50MP कैमरा, 5200mAh बैटरी वाले Realme फोन की जबरदस्त गिरी कीमत, मिल रहा 9 हजार से ज्यादा डिस्काउंट
#ताज़ा ख़बरें
  1. 50MP कैमरा, 5200mAh बैटरी वाले Realme फोन की जबरदस्त गिरी कीमत, मिल रहा 9 हजार से ज्यादा डिस्काउंट
  2. Apple Event 2025 Highlights: iPhone 17 लाइनअप के साथ नए Apple Watches और AirPods हुए लॉन्च
  3. मारूति सुजुकी की e-Vitara को Euro NCAP में मिली 4 स्टार सेफ्टी रेटिंग
  4. iPhone 17 Pro, 17 Pro Max भारत में दमदार प्रोसेसर, कैमरा के साथ लॉन्च, जानें फीचर्स और कीमत
  5. iPhone Air भारत में 1 लाख 19 हजार 900 रुपये में लॉन्च, Apple का सबसे पतला आईफोन
  6. Apple iPhone 17 भारत में A19 चिप, 24MP सेल्फी कैमरा के साथ 82900 रुपये में लॉन्च
  7. Apple Watch SE 3 हुई लॉन्च, नए हेल्थ फीचर्स, बिल्ट-इन स्पीकर और ऑलवेज-ऑन डिस्प्ले: जानें इंडिया प्राइस
  8. Apple ने लॉन्च किया AirPods Pro 3, हार्ट रेट की ट्रैकिंग सहित मिलेंगे हेल्थ सेंसर्स
  9. Apple Watch Series 11, Watch Ultra 3 भारत में लॉन्च, जानें कीमत और खासियतें
  10. Oppo A6 Pro हुआ लॉन्च, 7,000mAh की बैटरी, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.