बड़ी इलेक्ट्रिक कार मेकर्स में शामिल Tesla की दूसरी तिमाही में व्हीकल्स की डिलीवरी 83 प्रतिशत बढ़ी है। कंपनी ने पिछले कुछ महीनों में कई बार व्हीकल्स के प्राइसेज घटाए हैं। इसके साथ ही मैन्युफैक्चरिंग की कैपेसिटी भी बढ़ाई गई है। कंपनी ने अप्रैल से जून के बीच दुनिया भर में 4,66,140 व्हीकल्स की बिक्री की। पिछले वर्ष की समान अवधि में टेस्ला ने 2,54,695 यूनिट्स बेची थी।
कंपनी की दूसरी तिमाही में कुल डिलीवरी में लगभग 96 प्रतिशत हिस्सेदारी मॉडल Y क्रॉसओवर और एंट्री-लेवल सेडान मॉडल 3 की थी। कंपनी ने अप्रैल से जून के बीच 4,79,700 व्हीकल्स का प्रोडक्शन किया। इस वर्ष की पहली छमाही में इसकी की सेल्स लगभग नौ लाख व्हीकल्स की है।
टेस्ला ने पहली तिमाही में 4,22,875 यूनिट्स बेची थी। अमेरिका में
कंपनी ने दूसरी तिमाही में कम से कम चार बार व्हीकल्स के प्राइसेज घटाए हैं। टेस्ला ने अपने बड़े मार्केट्स में शामिल चीन में भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर भारी डिस्काउंट दिया था। इससे चीन में इस मार्केट में प्राइस घटाने को लेकर कॉम्पिटिशन शुरू हो सकता है।
पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका दौरे के दौरान टेस्ला के चीफ Elon Musk के साथ मुलाकात की थी और उन्हें भारत में इनवेस्टमेंट के लिए प्रोत्साहित किया था। इससे पहले टेस्ला के सीनियर एग्जिक्यूटिव्स ने देश में फैक्टरी लगाने को लेकर केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ मीटिंग की थी। प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुलाकात के बाद मस्क ने कहा था कि भारत के भविष्य को लेकर वह बहुत उत्साहित हैं। उनका कहना था कि दुनिया में किसी अन्य बड़े देश की तुलना में भारत में अधिक संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया था, "मैं अगले वर्ष भारत की यात्रा करने की योजना बना रहा हूं।" इस वर्ष कंपनी फुल सेल्फ-ड्राइव टेक्नोलॉजी लॉन्च कर सकती है। इससे टेस्ला का प्रॉफिट बढ़ने की संभावना है। कंपनी फुल सेल्फ-ड्राइविंग (FSD) सॉफ्टवेयर को एक विकल्प के तौर पर लगभग 15,000 डॉलर में बेचती है।
हाल ही में स्टेट मिनिस्टर फॉर टेक्नोलॉजी Rajeev Chandrasekhar ने Reuters को दिए इंटरव्यू में बताया था, "भारत में प्रोडक्शन और इनोवेशन का बेस बनाने को लेकर टेस्ला गंभीर है। हमने उन्हें संकेत दिया है कि भारत में टेस्ला की महत्वाकाक्षांओं और इनवेस्टमेंट के उद्देश्य को सफल बनाने के लिए सरकार मदद करेगी।"