बड़ी इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) कंपनियों में शामिल Tesla के CEO, Elon Musk की इस वर्ष सेल्स कमजोर रहने की चेतावनी के बाद कंपनी के शेयर प्राइस में जोरदार गिरावट आई है। इससे टेस्ला की मार्केट वैल्यू लगभग 80 अरब डॉलर घट गई है। कंपनी का मार्जिन पहले ही घट गया है। कंपनी के इनवेस्टर्स को डिमांड कमजोर रहने और चाइनीज ऑटोमोबाइल कंपनियों से टेस्ला को कड़ी टक्कर मिलने की आशंका है।
मस्क ने कहा था कि
टेस्ला एक कम प्राइस वाली इलेक्ट्रिक कार लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। इस इलेक्ट्रिक कार को अमेरिका के टेक्सास में कंपनी की फैक्टरी में अगले वर्ष की दूसरी छमाही में बनाया जाएगा। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने बताया था कि इसका प्रोडक्शन बढ़ाने में मुश्किलें हो सकती हैं क्योंकि इसमें मॉडर्न टेक्नोलॉजी की जरूरत होगी। पिछले एक वर्ष से अधिक से EV इंडस्ट्री डिमांड धीमी होने से जूझ रही है।
टेस्ला अगर प्राइसेज में कटौती करती है तो इससे इस सेगमेंट के स्टार्टअप्स और Ford जैसी ऑटोमोबाइल कंपनियों पर प्रेशर बढ़ेगा। मस्क ने कहा था कि अगर चाइनीज ऑटोमोबाइल कंपनियों पर ट्रेड से जुड़ी बंदिशें नहीं लगाई गई तो वे ग्लोबल ऑटोमोबाइल कंपनियों के लिए खतरा बन सकती हैं। टेस्ला को चीन की BYD से कड़ी टक्कर मिल रही है। मशहूर इनवेस्टर Warren Buffett की फंडिंग वाली BYD अपनी कम प्राइस वाली इलेक्ट्रिक कारों के दम पर पिछले तिमाही में टेस्ला को पीछे छोड़कर सबसे अधिक
EV बेचने वाली कंपनी बन गई थी।
कंपनी ने पिछले वर्ष अपनी इलेक्ट्रिक कारों के प्राइसेज में कटौती की थी लेकिन इसके बावजूद वह बिक्री में BYD से पीछे रह गई। इसके अलावा टेस्ला के मार्जिन पर भी बड़ा असर पड़ा है। मस्क ने बताया था कि चाइनीज ऑटोमोबाइल कंपनियां कड़ी टक्कर दे रही हैं और अगर इन पर टैरिफ नहीं लगाए गए तो ये चीन से बाहर बड़ी सफलता हासिल कर सकती हैं। पिछले वर्ष के अंत में चीन की कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी Xiaomi ने अपने पहले इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) को पेश किया था। कंपनी ने बताया था कि उसका टारगेट इंटरनेशनल मार्केट में टॉप पांच ऑटोमोबाइल कंपनियों में शामिल होने का है। शाओमी की इलेक्ट्रिक कार SU7 में कंपनी का ऑपरेटिंग सिस्टम दिया जाएगा। इसे चीन में पेश किया गया है। दुनिया के इस सबसे बड़े ऑटोमोबाइल मार्केट में अधिक कैपेसिटी और कमजोर डिमांड जैसी चुनौतियां बढ़ रही हैं।