अमेरिकी इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मेकर Tesla ने अपनी वर्कफोर्स को घटाने का फैसला किया है। कंपनी ने सॉफ्टवेयर, सर्विस और इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट्स से वर्कर्स को बाहर किया है। यह टेस्ला की स्ट्रैटेजी में एक बड़े बदलाव का संकेत है। इससे पहले टेस्ला ने बताया था कि उसकी योजना 6,700 से अधिक वर्कर्स की छंटनी करने की है।
बिलिनेयर Elon Musk की इस कंपनी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें सेल्स में कमी होना और चीन की BYD जैसी
EV कंपनियों से कड़ी टक्कर मिलना शामिल हैं। टेस्ला के प्रवक्ता ने बताया था कि कंपनी अपनी एफिशिएंसी को बढ़ाने के लिए कामकाज को संतुलित बना रही है।
पिछले महीने के अंत में मस्क ने कंपनी के सीनियर मैनेजमेंट से कुछ एग्जिक्यूटिव्स की छंटनी की थी। इससे पहले टेस्ला की वर्कफोर्स में लगभग 10 प्रतिशत की कटौती हुई थी। मस्क ने कहा था कि कंपनी को दोबारा ऑर्गनाइज करने की जरूरत है। मस्क ने
टेस्ला के सीनियर मैनेजमेंट में कटौती करने के साथ ही सैंकड़ों वर्कर्स की छंटनी करने का फैसला किया है। इस वर्ष की पहली तिमाही में कंपनी का प्रॉफिट घटकर लगभग 1.13 अरब डॉलर का रहा था। पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 2.51 अरब डॉलर का था। मस्क की ओर से कंपनी के सीनियर एग्जिक्यूटिव्स को भेजी गई एक ईमेल में टेस्ला के सुपरचार्जर ग्रुप की सीनियर डायरेक्टर, Rebecca Tinucci और न्यू प्रोडक्ट के हेड, Daniel Ho के टेस्ला को छोड़ने की जानकारी दी थी।
मस्क ने कहा था, "हमारा मानना है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का मार्केट में दबदबा होगा।" हाल ही में कंपनी ने अमेरिका में अपने कुछ मॉडल्स के प्राइसेज को 2,000 डॉलर तक घटाया था। पहली तिमाही में टेस्ला की डिलीवरी में लगभग 8.5 प्रतिशत की कमी हुई है। हाल ही में मस्क ने भारत का अपना विजिट टाल दिया था। इस विजिट में उनकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ भी मीटिंग होनी थी। देश में बिजनेस शुरू करने की घोषणा के लिए मस्क का 21 अप्रैल को आने का कार्यक्रम था। मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में बताया था, "टेस्ला में काम का अधिक बोझ होने के कारण भारत का विजिट टालना पड़ रहा है लेकिन मैं मौजूदा वर्ष में इस विजिट का इंतजार कर रहा हूं।" मस्क ने अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस उपलब्ध कराने वाली कंपनी Starlink के लिए भी देश में बिजनेस शुरू करने की अनुमति मांगी है।