बड़ी इलेक्ट्रिक कार कंपनियों में शामिल Tesla ने दोबारा अपने मॉडल S और X के प्राइसेज घटाए हैं। इसके जरिए कंपनी इनकी डिमांड बढ़ाना चाहती है। अमेरिका में टेस्ला ने इस वर्ष तीसरी बार इन इलेक्ट्रिक कारों के प्राइसेज को घटाया है। टेस्ला के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर, Elon Musk ने प्रॉफिट के बजाय वॉल्यूम पर जोर देने का टारगेट रखा है।
कंपनी के फ्लैगशिप मॉडल S का प्राइस लगभग 5,000 डॉलर कम होने के बाद 84,990 डॉलर से शुरू होगा और मॉडल X का शुरुआती प्राइस 94,990 रुपये है। इन्फ्लेशन बढ़ने और इंटरेस्ट रेट्स के महंगा होने से नई कारों की डिमांड पर असर पड़ा है।
टेस्ला की अर्निंग्स कॉल में मस्क ने कहा, "प्राइस वास्तव में महत्वपूर्ण है। मुझे लगता है कि टेस्ला की कार खरीदने की इच्छा रखने वाले लोगों की बड़ी संख्या है लेकिन वे इसे अफोर्ड नहीं कर सकते। इस वजह से प्राइस में बदलाव से बड़ा असर पड़ेगा।"
कंपनी ने मॉडल 3 और मॉडल Y स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स के प्राइसेज क्रमशः 1,000 डॉलर और 2,000 डॉलर घटाए हैं। इसने एंट्री लेवल मॉडल Y का एक नया वर्जन भी लॉन्च किया है। इस वर्ष की शुरुआत में कंपनी ने चीन में प्राइसेज घटाए थे।
टेस्ला ने इस वर्ष के शुरुआती तीन महीनों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की रिकॉर्ड डिलीवरी की है। हालांकि, प्राइसेज को घटाने के बावजूद तिमाही-दर-तिमाही आधार पर कंपनी की सेल्स ग्रोथ कम रही है। इसके पीछे कॉम्पिटिशन बढ़ना और इकोनॉमी की कमजोर स्थिति प्रमुख कारण हैं। टेस्ला ने जनवरी से मार्च तक 4,22,875 व्हीकल्स की डिलीवरी की है। यह इससे पिछली तिमाही की तुलना में चार प्रतिशत और पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 36 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। मस्क ने जनवरी में कहा था कि टेस्ला इस वर्ष 20 लाख व्हीकल्स की डिलीवरी कर सकती है। यह पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 52 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। मस्क के प्राइसेज घटाकर सेल्स बढ़ाने के दांव से इनवेस्टर्स खुश नहीं हैं क्योंकि इससे मार्जिन पर असर पड़ेगा।
पिछले वर्ष मस्क ने टेस्ला के स्टाफ को स्टॉक मार्केट के उतार-चढ़ाव से चिंतित नहीं होने का सलाह दी थी। टेस्ला के शेयर प्राइस में पिछले वर्ष काफी कमी हुई थी। इसके पीछे कंपनी के लिए डिमांड में कमी और मस्क का माइक्रोब्लॉगिंग साइट Twitter को खरीदना जैसे कारण थे।