इलेक्ट्रिक वीकल (EV) का मार्केट रफ्तार पकड़ रहा है। भारत समेत विदेशों में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री और इस्तेमाल बढ़ा है। यूरोप के देश स्वीडन ने इस दिशा में तेजी से कदम आगे बढ़ाए हैं। वहां अपनी तरह का पहला ई-मोटरवे (e-motorway) बनाया जा रहा है। इसकी खूबी यह होगी कि सड़कों पर दौड़ते-दौड़ते गाड़ियां चार्ज होती रहेंगी। एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2045 तक स्वीडन में करीब 3 हजार किलोमीटर की इलेक्ट्रिक सड़कों का निर्माण करने की तैयारी है।
यूरोन्यूज की
रिपोर्ट के अनुसार, यूरोपीय संघ ने पिछले महीने एक ऐतिहासिक कानून पारित किया है। इसके तहत साल 2035 से जो भी नई कारें बेची जाएंगी, उनका CO2 उत्सर्जन जीरो होना जरूरी है। यूरोप के तमाम देश इस दिशा में कदम आगे बढ़ा रहे हैं।
स्वीडन अपने हाइवे को परमानेंट इलेक्ट्रिफाइड रोड में बदल रहा है। यह दुनिया में अपनी तरह का पहला कदम है। इलेक्ट्रिक रोड की खूबी यह होगी कि ड्राइव करते समय कार-ट्रक समेत दूसरी गाड़ियों को चार्ज भी किया जा सकेगा। इसका फायदा यह होगा कि छोटी बैटरी के साथ भी गाड़ी लंबी दूरी का सफर तय कर सकेंगी। चार्जिंग स्टेशनों पर भी इंतजार नहीं करना होगा।
इलेक्ट्रिक सड़कों की दिशा में स्वीडन ने कई पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए हैं। स्वीडिश ट्रांसपोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन में स्ट्रैटिजिक डेवलपमेंट के डायरेक्टर जान पेटर्सन ने यूरोन्यूज से कहा कि ट्रांसपोर्ट सेक्टर को डीकार्बोनाइज करने की दिशा में सड़कों का विद्युतीकरण बेहतर तरीका हो सकता है।
फिलहाल जिस मोटरवे को इलेक्ट्रिक बनाने की तैयारी है, वह देश के 3 प्रमुख शहरों- स्टॉकहोम, गोथेनबर्ग और माल्मो के बीच में स्थित हॉल्सबर्ग और ऑरेब्रो के बीच लॉजिस्टिक हब को जोड़ता है। यह प्रोजेक्ट अभी शुरुआती स्तर पर है और साल 2025 तक बनने की योजना है।
गाड़िया किस तरह से चार्ज होंगी, इसका तरीका अभी तय नहीं किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, तीन तरह के चार्जिंग सिस्टम इस्तेमाल में लाए जा सकते हैं। स्वीडन अपनी कोशिश में कामयाब होता है, तो भविष्य में कई और देश में इलेक्ट्रिक सड़कों की राह पर आगे बढ़ सकते हैं।