भारत में 10 में से 8 से ज्यादा लोग
इलेक्ट्रिक वीकल्स (EV) की तुलना में हाइब्रिड वीकल्स को ज्यादा पसंद करते हैं। सोमवार को हुए एक सर्वे में यह जानकारी सामने आई है कि इंडियन कंस्यूमर प्रीमियम मॉडल ज्यादा पसंद करते हैं। ग्रांट थॉर्नटन भारत के सर्वे में बताया गया है कि 40 फीसदी लोग अब हाइब्रिड वीकल्स को प्राथमिकता देते हैं, जबकि सिर्फ 17 फीसदी ही EV को प्राथमिकता देते हैं। लगभग 34 फीसदी अभी भी पेट्रोल वीकल्स खरीदना पसंद करते हैं।
ग्रांट थॉर्नटन भारत के पार्टनर साकेत मेहरा के अनुसार, त्योहारी सीजन आमतौर पर सालाना बिक्री का 30-40 प्रतिशत होता है। यह समय भारतीय ऑटोमोटिव इंडस्ट्री के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘हालांकि, इन्वेंट्री लेवल, मौसम से जुड़ी परेशानियां और क्षेत्रीय चुनावों ने इस साल विकास को धीमा कर दिया है। इन चुनौतियों के बावजूद, अक्टूबर की शुरुआत में बिक्री, सितंबर की तुलना में 30-35 प्रतिशत ज्यादा रही, जो एक अच्छा संकेत माना जा सकता है।'
इस त्योहारी सीजन में कंस्यूमर्स को भी पर्याप्त छूट मिलने की उम्मीद है, इसलिए इंडस्ट्री के पास डिमांड बढ़ाने का अच्छा अवसर है। मेहरा ने कहा कि लंबे समय में आर्थिक विकास और बढ़ती आय भारत के पब्लिक ट्रांसपोर्ट मार्केट के लिए दृष्टिकोण को और मजबूत करेगी।
हाइब्रिड वीकल्स के बढ़ते चलन के साथ उनसे एक ब्रिज के रूप में काम करने की उम्मीद की जा रही है। जहां वे अल्टर्नेटिव टेक्नोलॉजी के साथ कंस्यूमर के कम्फर्ट का ध्यान रखें। इस तरह भविष्य में इलेक्ट्रिक वीकल्स को अपनाने में तेजी लाने की उम्मीद की जा रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह ट्रेंड वीकल मैन्युफैक्चरर्स के लिए हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक दोनों पर फोकस करने की आवश्यकता को दिखाता है, जिससे कंस्यूमर की बदलती उम्मीदों को पूरा किया जा सके। फाइनेंशल ईयर 2025 की पहली छमाही में कुल घरेलू बिक्री में मात्र 0.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह एसयूवी और यूवी की निरंतर मांग अलग-अलग तरह के वाहनों के लिए ग्राहकों की बढ़ती पसंद को दिखाता है।
इसके अलावा, डिजिटल प्लेटफॉर्म, कार खरीदने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 74 प्रतिशत ग्राहक, रिसर्च के लिए सोशल मीडिया और कार वेबसाइटों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो दो साल पहले 56 प्रतिशत था। हालांकि अंतिम खरीदारी बड़े पैमाने पर ऑफलाइन ही होती है।