पिछले कुछ वर्षों में देश में ऑटोमोबाइल की मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट तेजी से बढ़ा है। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ऑटोमोबाइल के एक्सपोर्ट में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 15.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। पहली तिमाही में यह एक्सपोर्ट 11,92,577 यूनिट्स का रहा। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 10,32,449 यूनिट्स का था।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के डेटा के अनुसार, इस एक्सपोर्ट में पैसेंजर व्हीकल्स की हिस्सेदारी लगभग 19 प्रतिशत बढ़कर 1,80,483 यूनिट्स की थी। देश की सबसे बड़ी कार मेकर
Maruti Suzuki ने पहली तिमाही में 69,962 यूनिट्स के साथ सबसे अधिक एक्सपोर्ट किया है। दूसरे स्थान पर रही Hyundai ने लगभग 42,600 यूनिट्स की विदेश में शिपमेंट की है।
पैसेंजर व्हीकल्स के अलावा पहली तिमाही में टू-व्हीलर्स का एक्सपोर्ट भी 17 प्रतिशत बढ़ा है। पिछली तिमाही में टू-व्हीलर्स की 9,23,148 यूनिट्स की शिपमेंट्स की गई है। ऑटोमोबाइल सेक्टर के एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी के मद्देनजर, SIAM का मानना है कि इस सेक्टर में रिकवरी का ट्रेंड दिख रहा है। SIAM के प्रेसिडेंट, Vinod Aggarwal ने कहा कि यह इंडस्ट्री के लिए एक अच्छा संकेत है। कुछ विदेशी मार्केट्स में संकट की वजह से पिछले वित्त वर्ष में देश से ऑटोमोबाइल का एक्सपोर्ट पांच प्रतिशत से अधिक घटा था।
दक्षिण कोरिया की
ह्यंडई की देश में सेल्स बढ़ रही है। कंपनी ने इनिशियल पब्लिक ऑफर ( IPO) के जरिए लगभग 3.5 अरब डॉलर जुटाने की योजना बनाई है। यह देश का सबसे बड़ा IPO हो सकता है। कंपनी के शेयर्स की सितंबर में लिस्टिंग हो सकती है। ह्यंडई का टारगेट इस IPO के जरिए न्यूनतम तीन अरब डॉलर हासिल करने का है। यह आंकड़ा बढ़कर 3.5 अरब डॉलर तक हो सकता है। इससे पहले 2022 में Life Insurance Corp ने IPO के जरिए लगभग 2.5 अरब डॉलर जुटाए थे। ह्यंडई ने पिछले महीने मार्केट रेगुलेटर SEBI के पास IPO के लिए दस्तावेज जमा किए थे। कंपनी ने बताया था कि इसमें 17.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची जाएगी। ह्यंडई ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की रेंज बढ़ाने की भी तैयारी की है। कंपनी की बड़ी संख्या में बिकने वाली SUV Creta का इलेक्ट्रिक वर्जन लॉन्च करने की तैयारी की जा रही है। कंपनी की चार EV लॉन्च करने की योजना है।