अमेरिकी 'डिजिटल डॉलर' का दुनिया भर में हो सकता है बड़ा असर

इसमें पेमेंट्स पर कमीशन लेने वाले बैंकों, बैंक कार्ड्स या ऐप्स के शामिल नहीं होने से ट्रांजैक्शन फीस कम या समाप्त भी हो सकती है

विज्ञापन
अपडेटेड: 10 मार्च 2022 21:09 IST
ख़ास बातें
  • डिजिटल डॉलर की वैल्यू पेपर करंसी वाले डॉलर के समान होगी
  • इससे सरकार की एक प्रकार से सभी ट्रांजैक्शंस तक पहुंच हो सकती है
  • इसमें सिस्टम के नाकाम होने या सायबर अटैक जैसे रिस्क भी हैं

इसमें सिस्टम के नाकाम होने या सायबर अटैक जैसे रिस्क भी हैं

अमेरिकी प्रेसिडेंट Joe Biden ने अपनी सरकार को डिजिटल डॉलर बनाने पर विचार करने को कहा है। इसका दुनिया भर में फाइनेंशियल ट्रांजैक्शंस पर असर हो सकता है। एक बैंक एकाउंट में जमा कराई गई रकम या ऐप्स के जरिए खर्च की गई रकम के विपरीत यह किसी बैंक में नहीं, बल्कि फेडरल रिजर्व के एकाउंट्स में रजिस्टर्ड होगा।

डिजिटल डॉलर की वैल्यू पेपर करंसी वाले डॉलर के समान होगी। यह अन्य क्रिप्टोकरंसीज से बिल्कुल अलग है क्योंकि इनकी वैल्यू में बहुत अधिक उतार-चढ़ाव होता है। हालांकि, डिजिटल डॉलर को लेकर कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर नहीं मिले हैं। यह पता नहीं चला है कि बिटकॉइन की तरह यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर बेस्ड होगा या नहीं या इसे किसी प्रकार के पेमेंट कार्ड से लिंक किया जाएगा या नहीं। Biden ने ट्रेजरी डिपार्टमेंट सहित एजेंसियों से इससे जुड़े विभिन्न मुद्दों की स्टडी करने को कहा है। हालांकि, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में डिजिटल करंसी एक्सपर्ट  Darrell Duffie ने कहा कि अगर सरकार इस पर आगे बढ़ने का फैसला करती है तो डिजिटल डॉलर का इस्तेमाल शुरू होने में कई वर्ष लग सकते हैं। 

इससे ट्रांजैक्शन फीस पर बड़ा असर पड़ सकता है। इसमें पेमेंट्स पर कमीशन लेने वाले बैंकों, बैंक कार्ड्स या ऐप्स के शामिल नहीं होने से ट्रांजैक्शन फीस कम या समाप्त भी हो सकती है। डिजिटल डॉलर का समर्थन करने वालों का कहना है कि इससे उन लोगों को मदद मिलेगी जिनके पास बैंक एकाउंट नहीं हैं। अमेरिका में ऐसे लोगों की संख्या लगभग पांच प्रतिशत की है। इससे सरकार की एक प्रकार से सभी ट्रांजैक्शंस तक पहुंच हो सकती है। इसमें सिस्टम के नाकाम होने या सायबर अटैक जैसे रिस्क भी हैं। इसके अलावा प्राइवेसी को लेकर भी प्रश्न उठ सकते हैं क्योंकि सरकार के पास सभी ट्रांजैक्शंस की जानकारी रहेगी।

डिजिटल डॉलर से बैंकिंग सिस्टम को नुकसान हो सकता है। बैंक कर्ज देने के लिए कस्टमर्स के डिपॉजिट्स का इस्तेमाल करते हैं। डिजिटल डॉलर की स्थिति में उनके पास फंड कम रहेगा। इससे इंटरनेशनल फंड ट्रांसफर में आसानी हो सकती है। फॉरेन एक्सचेंज एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे ऐसी ट्रांजैक्शंस में एक घंटे का समय लग सकता है जिन्हें वैलिडेट होने में दो दिन तक लग जाते हैं। 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: Digital, Transactions, Federal Reserve, Banking, America, Fees, Blockchain
Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Motorola Edge 60 जल्द भारत में होगा पेश, टीजर जारी, जानें डिजाइन और स्पेसिफिकेशंस
#ताज़ा ख़बरें
  1. फीचर फोन यूजर्स भी कर सकेंगे UPI पेमेंट्स, PhonePe जल्द लाएगा नया ऐप!
  2. Huawei Band 10 भारत में लॉन्च, AMOLED स्क्रीन और 14 दिन की बैटरी के साथ; जानें कीमत
  3. iQOO Z10 Lite 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, 6,000mAh की बैटरी
  4. Oppo की K13x 5G के लॉन्च की तैयारी, 6,000mAh हो सकती है बैटरी
  5. Google Chrome होगा अब तक सबसे तेज!, अब ज्यादा फास्ट होगा काम, बचेगा समय
  6. Elon Musk की Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को भारत की हरी झंडी!
  7. Fairphone 6 का डिजाइन और प्राइस लीक, मॉड्यूलर स्मार्टफोन जल्द हो सकता है लॉन्च
  8. बिलिनेयर Elon Musk को भारी पड़ी ट्रंप की नाराजगी, Tesla की वैल्यू में भारी गिरावट
  9. इन फोन में नहीं चलेगा Youtube App, आपका फोन भी तो नहीं है लिस्ट में
  10. ट्रंप और मस्क के विवाद का क्रिप्टो मार्केट पर बड़ा असर, Bitcoin 1,04,000 डॉलर से नीचे
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.