पिछले कुछ महीनों से श्रीलंका में राजनीतिक और आर्थिक स्थितियां लगातार खराब हुई हैं। इसके मद्देनजर सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका (CBSL) ने लोगों को क्रिप्टोकरेंसीज को खरीदने के खिलाफ चेतावनी दी है। रेगुलेटरी सिस्टम की कमी के कारण CBSL ने यह स्पष्ट किया है कि उसने किसी फर्म को क्रिप्टो से जुड़ी सर्विसेज के लिए अनुमति नहीं दी है।
श्रीलंका के प्रेसिडेंट Gotabaya Rajapaksa फरार हो गए हैं। इसके विरोध में लोगों ने सरकारी संस्थानों पर कब्जा करना शुरू कर दिया है। CBSL ने एक
ब्लॉग पोस्ट में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स को खरीदने और इनकी ट्रेडिंग को लेकर सतर्कता बरतने के बारे में जानकारी दी है। इसमें बताया गया है, "CBSL ने किसी फर्म को क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़ी स्कीम्स चलाने के लिए लाइसेंस या अनुमति नहीं दी है। इसके अलावा इनिशियल कॉइन ऑफरिंग, क्रिप्टो माइनिंग या क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए भी अनुमति नहीं है।" श्रीलंका में राजनीतिक संकट और आर्थिक स्थिति बहुत खराब होने के साथ ही CBSL के लिए ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट में भारी गिरावट भी चिंता का एक कारण है।
क्रिप्टो सेगमेंट का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन मार्च में 2 लाख करोड़ डॉलर से अधिक का था। यह घटकर लगभग 91.4 अरब डॉलर हो गया है। अमेरिका के फेडरल रिजर्व और कुछ अन्य देशों के सेंट्रल बैंक की ओर से इंटरेस्ट रेट बढ़ाने, स्लोडाउन और क्रिप्टो प्रोजेक्ट Terra के नाकाम होने से क्रिप्टो मार्केट में बिकवाली हो रही है। इससे इनवेस्टर्स को बड़ा नुकसान हुआ है। मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ने पिछले वर्ष नवंबर में लगभग 69,000 डॉलर का हाई छुआ था। इसका प्राइस घटकर 20,000 डॉलर से कुछ अधिक पर है। बहुत सी अन्य क्रिप्टोकरेंसीज के प्राइसेज में भी काफी गिरावट आ चुकी है।
CBSL ने लोगों को मुनाफा हासिल करने के लिए
क्रिप्टो स्कीमों पर विश्वास नहीं करने की सलाह दी है क्योंकि इससे उन्हें बड़ा वित्तीय जोखिम हो सकता है। ब्लॉग पोस्ट में कहा गया है, "लोगों को क्रिप्टोकरेंसीज में इनवेस्टमेंट से बड़े वित्तीय, कानूनी और सुरक्षा से जुड़े जोखिम का सामना करना पड़ सकता है। लोगों को इंटरनेट और जरियों से ऑफर की जा रही विभिन्न प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी स्कीम्स के झांसे में नहीं आने की भी चेतावनी दी जाती है।"