ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म Solana की ट्रांजैक्शंस में इसके जैसे अन्य प्लेटफॉर्म्स की तुलना में बहुत कम एनर्जी का इस्तेमाल होता है। Solana ने एक नई रिपोर्ट में दावा किया है कि उसकी एक ट्रांजैक्शन की तुलना में गूगल की दो सर्च एनर्जी की अधिक खपत करती है। Solana की ट्रांजैक्शंस में एक मोबाइल फोन को एक घंटे तक चार्ज करने से 24 गुना कम एनर्जी का इस्तेमाल होता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि Solana की एनर्जी की वार्षिक खपत 3,186,000 किलोवॉट आवर (kWh) की है।
Solana की एक ट्रांजैक्शन एनर्जी के 1,837 Joules की खपत करती है जबकि गूगल की दो सर्च में एनर्जी के 2,160 Joules लगते हैं। क्रिप्टो के लिहाज से एक
Bitcoin ट्रांजैक्शन एनर्जी के 6,995,592,000 Joules की खपत करती है और एक
Ethereum ट्रांजैक्शन में 692,820,000 Joules लगते हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है, "पूरे Solana नेटवर्क में प्रति वर्ष 3,186,000 kWh एनर्जी की खपत होती है। यह 986 अमेरिकी परिवारों के इलेक्ट्रिसिटी के औसत इस्तेमाल के बराबर है।" रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अन्य क्रिप्टो नेटवर्क्स की तुलना में Solana पर्यावरण के अनुकूल है। बहुत से देशों ने क्रिप्टो एक्टिविटीज में इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत को लेकर आशंका जताई है। इससे क्रिप्टो नेटवर्क्स पर नियंत्रण करने की मांग भी उठी है।
Solana ने अपना बीटा
नेटवर्क पिछले वर्ष लॉन्च किया था। इसका क्रिप्टो टोकन SOL है जिसका मार्केट कैप लगभग 58,818,583,551 डॉलर का है। Solana फाउंडेशन ने कहा है कि वह अपनी इलेक्ट्रिसिटी की खपत पर नियमित रिपोर्ट जारी करेगी। इसके साथ ही पर्यावरण के अनुकूल एक्टिविटीज को भी बढ़ावा देगी।
जनवरी 2016 से जून 2018 तक चार बड़ी क्रिप्टोकरंसीज की माइनिंग एक्टिविटीज से लगभग 1.3 करोड़ टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन होने का अनुमान है। इस महीने की शुरुआत में अमेरिका में इलेक्ट्रिक रिलायबिलिटी काउंसिल ऑफ टेक्सस (ERCOT) ने कहा था कि उसे टेक्सस में बिटकॉइन की माइनिंग के कारण इलेक्ट्रिसिटी की लोड में लगभग पांच गुना की वृद्धि होने का अनुमान है। टेक्सस में पिछले वर्ष के अंत में इलेक्ट्रिसिटी की सप्लाई में रुकावट आई थी और टेक्सस के निवासियों का कहना है कि इसका कारण क्रिप्टो से जुड़ी एक्टिविटीज थी। इससे पहले चीन इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत के कारण बिटकॉइन की एक्टिविटीज पर रोक लगा चुका है।