रूस की सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी एक्टिविटीज और डिजिटल करेंसी में पेमेंट्स को बैन करने के संकेत दिए हैं। संसद के निचले सदन, स्टेट ड्यूमा, के हेड अनातोली अक्साकोव रूस के अंदर क्रिप्टोकरेंसी और उसके चलन के संबंध में एक बिल पेश किया है। अगर यह बिल स्वीकार कर लिया जाता है तो क्रिप्टोकरेंसी के रूप में देश के अंदर न तो कोई लेन-देन होगा और न ही इसे पेमेंट के तरीके के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा।
रूस की अथॉरिटीज इस बात पर जोरदार तरीके से बंटी हुई हैं कि लोकल क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री के साथ क्या किया जाए। रूस के सेंट्रल बैंक की मंशा है कि
क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल एसेट्स से जुड़ी सभी प्रकार की गतिविधियों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया जाए, जबकि देश की फाइनेंस मिनिस्ट्री का कहना है कि इस पर रेगुलेशन की नकेल डाली जानी चाहिए।
इससे पहले, देश की संघीय विधानसभा के निचले सदन स्टेट ड्यूमा ने सेंट्रल बैंक की मंशा को जाहिर किया। 2020 में सांसदों ने
डिजिटल एसेट्स के इस्तेमाल पर रोक लगाने पर विचार किया और जोर देकर कहा कि जो लोग इस सेक्टर के साथ व्यापार या सरोकार जारी रखते हैं, उन पर जुर्माना लगाया जाए और उन्हें जेल भी भेजा जाए। अब निचले सदन ने इसके लिए एक नया बिल
प्रस्ताव दिया है। अगर यह बिल पास हो जाता है तो डिजिटल फाइनेंशिअल एक्टीविटीज (DFA) देश में बैन कर दी जाएंगीं और रूस की सीमा के अंदर किसी भी प्रकार के प्रोडक्ट्स और सर्विसेज के लिए
क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट ऑप्शन के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
हालांकि, इस साल मार्च में अथॉरिटीज ने इस तरह के किसी भी प्लान को लागू करने के विचार को त्यागते हुए इस बात पर जोर दिया कि क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल एसेट्स को पूरी तरह से बैन करने की बजाए इसके लिए एक उपयुक्त रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार किया जाना चाहिए।
जून के दूसरे सप्ताह की शुरुआत में, स्टेट ड्यूमा के हेड अनातोली अक्साकोव ने एक बार फिर इस बारे में चर्चा उठाई, और एक बिल पेश किया जो
डिजिटल करेंसी में पेमेंट्स को अवैध या अनुपयुक्त बताता है। इस दौरान उन्होंने याद दिलाया कि रूस की राष्ट्रीय करेंसी रूबल है और यह देश की एकमात्र अधिकारिक मुद्रा है, इस पर कोई संशोधन करने की जरूरत अभी नहीं है। यानि कि डिजिटल करेंसी देश में रूबल की जगह या उसकी बराबरी नहीं कर सकती है।