अल-साल्‍वाडोर का IMF को इनकार : Bitcoin का इस्‍तेमाल छोड़ने की सलाह नहीं मानी

अल-साल्‍वाडोर के ट्रेजरी मंत्री एलेजांद्रो जेलया ने सख्‍त लहजे में कहा कि ‘कोई भी अंतरराष्ट्रीय संगठन हमें कुछ भी करने के लिए नहीं कह सकता है।’

अल-साल्‍वाडोर का IMF को इनकार : Bitcoin का इस्‍तेमाल छोड़ने की सलाह नहीं मानी

गौरतलब है कि पिछले साल के आखिर में वैल्‍यू लगभग दोगुनी होने के बाद अब बिटकॉइन के मूल्‍य में गिरावट आ गई है।

ख़ास बातें
  • अल-साल्‍वाडोर का कहना है कि बिटकॉइन ‘संप्रभुता’ का मुद्दा है
  • सरकार का कहना है कि उसने सभी नियमों का पालन किया है
  • राष्ट्रपति नायब बुकेले ने भी सिफारिशों को खारिज कर दिया था
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जब से अल-साल्‍वाडोर ने बिटकॉइन (Bitcoin) को लीगल करेंसी का दर्जा दिया है, ज्‍यादातर देश उसके इस कदम की आलोचना कर रहे हैं। अमेरिका और यूरोप के कई देश अल-साल्‍वाडोर से अपने फैसले पर विचार करने को कह चुके हैं। हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी अल-साल्‍वाडोर से बिटकॉइन को कानूनी निविदा के रूप में छोड़ने की सिफारिश की थी। अब वहां की सरकार ने IMF की इस सिफारिश को खारिज कर दिया है। ट्रेजरी मंत्री एलेजांद्रो जेलया (Alejandro Zelaya) ने सख्‍त लहजे में कहा कि ‘कोई भी अंतरराष्ट्रीय संगठन हमें कुछ भी करने के लिए नहीं कह सकता है।' एक लोकल टीवी स्टेशन से बात करते हुए जेलया ने कहा कि बिटकॉइन ‘संप्रभुता' का मुद्दा है। जेलया ने कहा कि उनका देश संप्रभु राष्ट्र हैं और वो अपनी पब्‍लिक पॉलिसी के बारे में खुद फैसला लेते हैं। 

एक न्‍यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, IMF ने पिछले हफ्ते सिफारिश की थी कि अल साल्वाडोर 150 मिलियन डॉलर (लगभग 1120 करोड़ रुपये) के ट्रस्ट फंड को भंग कर दे। इसे तब बनाया गया था, जब देश में क्रिप्टोकरेंसी को लीगल टेंडर घोषित किया गया था। IMF ने अल साल्‍वाडोर से कहा था कि वह इस्‍तेमाल नहीं हो रहे फंड्स को ट्रेजरी में वापस कर दे।

IMF ने बिटकॉइन की कीमतों की अस्थिरता और क्रिप्टोकरेंसी का इस्‍तेमाल करने वाले कई लोगों के क्रिमिनल होने की संभावना पर चिंता व्‍यक्‍त की थी। गौरतलब है कि पिछले साल के आखिर में वैल्‍यू लगभग दोगुनी होने के बाद अब बिटकॉइन के मूल्‍य में गिरावट आ गई है। एक फरवरी की सुबह 10 बजे तक भारत में बिटकॉइन की कीमत 30.73 लाख रुपये थी।

जेलया ने कहा है कि अल सल्वाडोर ने सभी फाइनेंशियल ट्रांजैक्‍शन और मनी लॉन्ड्रिंग के नियमों का पालन किया है। यह भी कहा गया है कि ट्रस्ट फंड का मकसद बिटकॉइन को अमेरिकी डॉलर से बदलने के लिए अनुमति देना था। साथ ही लोगों को डिजिटल करेंसी के लिए प्रोत्‍साहित करना था। 

IMF ने यह भी सिफारिश की थी कि चिवो (Chivo) वॉलेट का इस्‍तेमाल शुरू करने और कंस्‍यूमर्स की सेफ्टी के लिए प्रोत्‍सा‍हन के रूप में 30 डॉलर (लगभग 2,230 रुपये) की पेशकश को खत्‍म कर दिया जाए। मुद्रा कोष ने सुझाव दिया था कि चिवो के इस्‍तेमाल से फायदा सिर्फ डॉलर का उपयोग करके हो सकता है। इसके बाद ही साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने IMF की सिफारिशों को खारिज कर दिया था।
 

भारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

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