सोमवार को दुबई मीडिया ऑफिस ने जानकारी दी कि दुबई वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (DWTC) एक क्रिप्टो ज़ोन और अन्य वर्चुअल एसेट के लिए रेगुलेटर बन जाएगा। ये कदम डिजिटल एसेट, प्रोडक्ट्स, ऑपरेटर्स और एक्सचेंज्स सहित कई वर्चुल एसेट के लिए एक विशेष ज़ोन बनाने के लिए लिया गया है। नई जानकारी के मुताबिक, देश का कहना है कि "निवेशकों की सुरक्षा, एंटी-मनी लॉन्डरिंग, आतंकवाद के लिए फाइनेंसिंग को रोकना, क्रॉस बॉर्डर डील को रोकना आदि जैसे क्राइम के लिए कड़े स्टैंडर्ड विकसित किए जाएंगे।"
सितंबर में, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) सिक्योरिटीज एंड कमोडिटीज़ अथॉरिटी और दुबई वर्ल्ड ट्रेड सेंटर अथॉरिटी (DWTCA) ने एक फ्रेमवर्क पर सहमति जताई है, जो डीडब्ल्यूटीसीए को क्रिप्टोकरेंसी एसेट से संबंधित फाइनेंशियल एक्टिविटी को मंजूरी और लाइसेंस देने की अनुमति देता है। अक्टूबर में, अन्य दुबई फ्री ज़ोन DIFC, दुबई के राज्यों के स्वामित्व वाले फाइनेंशियल फ्री ज़ोन और मध्य पूर्व (Middle East) के प्रमुख फाइनेंस सेंटर ने डिजिटल टोकन के लिए एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क का पहला भाग जारी किया था।
दुबई लंबे अर्से से क्रिप्टोकरेंसी का सपोर्टर रहा है। सितंबर में, दुबई ने एक ग्रैंड ईवेंट को होस्ट किया था, जिसे अब सबसे बड़े क्रिप्टो-इवेंट के रूप में देखा गया। इस इवेंट में 3,000 से अधिक डेलीगेट्स आए थे। इस इलेंट को 14 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक आयोजित किया गया था। इस आयोजन का उद्देश्य मध्य पूर्व और अफ्रीका के देशों में क्रिप्टोकरेंसी के विकास के बारे में चर्चा करना था।
Chainalysys की एक रिसर्च रिपोर्ट से पता चला था कि जुलाई 2020 और जून 2021 के बीच अफ्रीका के क्रिप्टोकरेंसी बाजार में 1,200 प्रतिशत की वृद्धि हुई - जिसने इसे 105.6 बिलियन डॉलर (775 करोड़ रुपये) का बना दिया। मिडल ईस्ट में तुर्की, बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात ने अपने क्रिप्टो-स्पेस को भी एक्सपेंड किया।
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