Crypto मार्केट की मंदी ज्यों की त्यों बनी हुई है और मार्केट में इनफ्लो बहुत कम हो गया है। निवेशक मार्केट में निवेश करने से दूरी बनाते जा रहे हैं। ऐसे में निवेशक बड़े किप्टो कॉइन्स जैसे बिटकॉइन और इथेरियम में ट्रांजैक्शन करने से बच रहे हैं और दूसरे पॉपुलर कॉइन्स जैसे डॉजकॉइन और शिबा में ट्रेडिंग कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में दोनों ही मीम क्रिप्टोकरेंसी के ट्रेडिंग वॉल्यूम में लगातार बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।
मीम क्रिप्टोकरेंसी पॉपुलर होने के साथ ही सस्ती भी है। इसलिए निवेशक कम जोखिम वाले एसेट्स में ट्रेडिंग कर रहे हैं। Coin98 insights के आंकड़े बताते हैं कि पिछले 24 घंटों में 60 करोड़ डॉलर (लगभग 47 अरब रुपये) के डॉजकॉइन और शिबा इनु टोकनों का ट्रांजैक्शन किया गया है। मीम क्रिप्टोकरेंसी में शिबा इनु और डॉजकॉइन के अलावा 8 अन्य टोकन भी हैं लेकिन उन सबका कुल ट्रेडिंग वॉल्यूम केवल 2 करोड़ डॉलर का ही है।
60 करोड़ डॉलर के शिबा और डॉजकॉइन में से Shiba Inu का ट्रेडिंग वॉल्यूम ज्यादा है। शिबा इनु में 33 करोड़ डॉलर (लगभग 26 अरब रुपये) की ट्रेडिंग हुई है, जबकि डॉजकॉइन में 27 करोड़ डॉलर (लगभग 21 अरब रुपये) की ट्रेडिंग हुई है। मार्केट परफॉर्मेंस की बात करें तो डॉजकॉइन जून में सबसे फायदेमंद एसेट के रूप में साबित हुआ है। इसकी वैल्यू में 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है, जबकि क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में लगातार गिरावट जारी है।
Dogecoin को भले ही वैल्यू में 50 प्रतिशत का लाभ हुआ लेकिन इतनी बढ़त इसको इसके ऑल टाइम हाई के करीब ले जाने के लिए काफी नहीं है, जब नवंबर 2021 में यह अपने उच्चतम स्तर पर ट्रेड कर रहा था। Shiba Inu का संघर्ष डॉजकॉइन से ज्यादा है। इसकी वैल्यू में 30 प्रतिशत का इजाफा हुआ है लेकिन अपने ऑल टाइम हाई से अभी यह मीम क्रिप्टोकरेंसी काफी पीछे है। फिलहाल यह कहा जा सकता है, क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में चल रही गिरावट के बीच निवेशक मीम क्रिप्टोकरेंसी पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं। बिटकॉइन और इथेरियम जैसे बड़े कॉइन्स स्टॉक मार्केट की चाल से अधिक प्रभावित होते हैं, इसलिए निवेशक बड़े कॉइन्स में इनवेस्ट और ट्रेड करने से बच रहे हैं।
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