ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट पहली बार 3 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 2,22,26,385 करोड़ रुपये) से अधिक पर पहुंच गई है। इसका कारण है कि मेनस्ट्रीम इन्वेस्टर तेजी से इसमें कूद रहे हैं। 10 हजार से भी ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी पर नजर रखने वाली CoinGecko के अनुसार इसकी वैल्यू 3.007 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 2,22,79,296 करोड़ रुपये) तक पहुंच गई है।
SwissQuote की एनालिस्ट Ipek Ozkardeskaya ने कहा कि क्रिप्टो मार्केट एक बहुत ही तेज स्पीड के साथ विकास कर रही है। उन्होंने AFP को बताया कि इसका एक हिस्सा भले ही अनुमान हो लेकिन एक हिस्सा रियल भी है। "क्रिप्टो अब ट्रेडिशनल फाइनेंस की जगह भी अपनी पकड़ बना रही है और हर कोई इसके लिए तैयार भी नजर आ रहा है।"
पिछले महीने मेनस्ट्रीम स्टेटस की तरफ एक और बड़ा कदम लेने के बाद दुनिया की सबसे बड़ी
क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन पिछले महीने 66,000 डॉलर (लगभग 48.89 लाख रुपये) की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई। 10 नवंबर को यह खबर लिखने के समय
भारत में बिटकॉइन की कीमत 54.34 लाख रुपये पर चल रही थी।
Ethereum, जो मार्केट प्राइस के हिसाब से दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है, सोमवार को रिकॉर्ड 4,768 डॉलर (लगभग 3.53 लाख रुपये) पर पहुंच गई।
भारत में इथेरियम की कीमत 10 नवंबर को 3.83 लाख रुपये थी। अक्टूबर में New York Stock Exchange में बिटकॉइन फ्यूचर्स एक्सचेंज ट्रेडेड फंड लॉन्च हुआ। यह एक फाइनेंशिअल इंस्ट्रूमेंट है जिसके लॉन्च के बाद लोगों की पहुंच बिटकॉइन तक और आसान हो गई है। अब अधिक से अधिक लोग इसमें इन्वेस्ट कर सकेंगे। बिटकॉइन को इससे बहुत फायदा मिलने वाला है।
Hargreaves Lansdown मार्केट एनालिस्ट Susannah Streeter ने सोमवार को कहा, "बिटकॉइन फिर से उछाल पर है, जो अब तक के उच्चतम स्तर के करीब है।" "क्रिप्टो में हालिया उछाल ... कुछ हद तक निवेशकों के जमा होने के कारण आया लगता है, क्योंकि वे इसे इनफ्लेशन के खिलाफ बचाव के रूप में देख रहे हैं।" स्ट्रीटर ने कहा।
21 मिलियन से अधिक बिटकॉइन नहीं बनाए जा सकते हैं, जिससे इसकी कीमत को अपने प्रतिद्वंद्वियों से ऊपर ट्रेड करने में मदद मिलती है। मगर सामान्य रूप से क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार अत्यधिक अस्थिर होता है और बड़े पैमाने पर कीमतों में उतार-चढ़ाव इसमें एक आम घटना है।