Bitcoin और Ether में तेजी के साथ क्रिप्टो मार्केट में बढ़ी ट्रेडिंग वॉल्यूम

पिछले वर्ष नवंबर में बिटकॉइन ने 67,000 डॉलर से अधिक का हाई बनाया था। इसके बाद से इसमें काफी गिरावट आई है। इसका प्राइस गिरने से इनवेस्टर्स के साथ ही इस सेगमेंट से जुड़ी फर्मों को भी बड़ा नुकसान हुआ है

Bitcoin और Ether में तेजी के साथ क्रिप्टो मार्केट में बढ़ी ट्रेडिंग वॉल्यूम

पिछले वर्ष नवंबर में बिटकॉइन ने 67,000 डॉलर से अधिक का हाई बनाया था

ख़ास बातें
  • इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर बिटकॉइन में 1.59 प्रतिशत तक की तेजी थी
  • बिटकॉइन में गिरावट से बहुत से इनवेस्टर्स को बड़ा नुकसान हुआ है
  • कुछ देशों में रेगुलेटर्स ने भी क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर चेतावनी दी है
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मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin का प्राइस मंगलवार को शुरुआती कारोबार में लगभग 1.45 प्रतिशत बढ़कर लगभग 19,519 डॉलर पर था। यह चौथा सप्ताह है जिसमें बिटकॉइन 20,000 डॉलर तक पहुंचने में नाकाम रहा है। इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर इसमें 1.59 प्रतिशत तक की तेजी थी। 

CoinDCX की रिसर्च टीम ने Gadgets 360 को बताया, "अमेरिका में इन्फ्लेशन का डेटा अनुमान से अधिक रहा है। इससे इन्फ्लेशन में जल्द कमी होने की संभावना नहीं है। इस पर नियंत्रण के लिए फेडरल रिजर्व का कड़ा रवैया जारी रह सकता है। मैक्रो इकोनॉमिक स्थिति नेगेटिव होने पर बिटकॉइन के प्राइस में कमी आती है।" दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether में 2.19 प्रतिशत का उछाल आया। इसका प्राइस लगभग 1,330 डॉलर पर था। 

Ethereum ब्लॉकचेन के एनर्जी एफिशिएंट 'Merge' अपग्रेड को 15 सितंबर को शुरू किया गया था। इससे ट्रांजैक्शंस में तेजी आने और एनर्जी की खपत बहुत कम होने की संभावना है। इस अपग्रेड में Ethereum के डिवेलपर्स इसके माइनिंग प्रोटोकॉल की प्रूफ-ऑफ-वर्क (PoW) सिस्टम से प्रूफ-ऑफ-स्टेक (PoS) पर दोबारा कोडिंग कर रहे हैं। इससे Ethereum की एनर्जी की खपत बहुत कम होने की संभावना है। इस ब्लॉकचेन पर 100 अरब डॉलर से अधिक के डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) ऐप्स को सपोर्ट मिलता है और इस वजह से अपग्रेड को लेकर सतर्कता बरती गई है। अपग्रेड से stETH कहे जाने वाले क्रिप्टो डेरिवेटिव टोकन के इनवेस्टर्स को भी राहत मिल सकती है।

Avalanche, Cardano, Solana और Polygon के प्राइस में भी तेजी रही। मीम कॉइन्स Shiba Inu और Dogecoin में भी कुछ बढ़त थी। हालांकि, Monero और Near Protocol जैसे ऑल्टकॉइन्स का प्राइस में गिरावट हुई। इसके अलावा Tether और Binance USD जैसे स्टेबलकॉइन्स भी गिरे हैं। पिछले वर्ष नवंबर में बिटकॉइन ने 67,000 डॉलर से अधिक का हाई बनाया था। इसके बाद से इसमें काफी गिरावट आई है। इसका प्राइस गिरने से इनवेस्टर्स के साथ ही इस सेगमेंट से जुड़ी फर्मों को भी बड़ा नुकसान हुआ है। बहुत से देशों में रेगुलेटर्स ने भी क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर इनवेस्टर्स को चेतावनी दी है। इससे भी मार्केट पर प्रेशर बढ़ रहा है। पिछले कुछ महीनों में क्रिप्टो सेगमेंट में फ्रॉड के मामलों में बढ़ोतरी होने से भी बहुत से इनवेस्टर्स ने इससे दूरी बना ली है।  
 

भारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

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आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

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