मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में बुझवार को लगभग चार प्रतिशत की गिरावट थी। इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर बिटकॉइन का प्राइस लगभग 56,560 डॉलर और भारतीय एक्सचेंजों पर 60,000 डॉलर से कुछ अधिक पर था। पिछले कुछ सप्ताह से बिटकॉइन पर प्रेशर है। इसके पीछे बिकवाली ज्यादा होना और मैक्रो इकोनॉमिक कारण हैं।
Ether का प्राइस लगभग 5.70 प्रतिशत कम हुआ है। इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर इसका प्राइस लगभग 5.68 प्रतिशत घटकर लगभग 2,375 डॉलर पर था। इसके अलावा USD Coin, Cardano, Polkadot, Chainlink, Near Protocol, Polygon, Monero और Stellar में गिरावट थी। तेजी वाली क्रिप्टोकरेंसीज में
Tether, Binance Coin, Ripple, Tron, Litecoin और Bitcoin SV शामिल थे। पिछले एक दिन में क्रिप्टो की मार्केट वैल्यू लगभग 4.22 प्रतिशत घटकर लगभग 1.99 लाख करोड़ डॉलर पर थी।
क्रिप्टो एक्सचेंज ZebPay के ट्रेड डेस्क ने Gadgets360 को बताया, "Ether में काफी वोलैटिलिटी हो रही है। इस वजह से इसमें दो वर्ष से अधिक में सबसे बड़ी मासिक गिरावट हुई है। इसमें ट्रेडिंग वॉल्यूम भी कम है। इसके लिए 2,400 डॉलर पर मजबूत सपोर्ट और लगभग 2,850 डॉलर पर रेजिस्टेंस है।" केंद्र सरकार की
क्रिप्टो सेगमेंट को रेगुलेट करने की योजना नहीं है। यूरोपियन यूनियन ( EU) और UAE ने इस सेगमेंट के लिए नियम बनाए हैं।
हाल ही में लोकसभा में एक लिखित उत्तर में वित्त राज्यमंत्री Pankaj Chaudhary ने बताया था कि वर्चुअल एसेट्स की खरीद और बिक्री को रेगुलेट करने के लिए कानून बनाने का कोई प्रपोजल नहीं है। सांसद G M Harish Balayogi ने इस सेगमेंट को लेकर सरकार के रुख पर प्रशन किए थे। उन्होंने पूछा था कि क्या सरकार के पास क्रिप्टो सेगमेंट को रेगुलेट करने के लिए रूल्स लाने का कोई प्रपोजल है। इसके उत्तर में चौधरी ने कहा था, "वर्चुअल डिजिटल एसेट्स की खरीद और बिक्री को रेगुलेट करने के लिए कानून लाने का कोई प्रपोजल नहीं है। हालांकि, एंटी मनी लॉन्ड्रिंग जैसे निगरानी के विशेष उद्देश्यों के लिए फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) को अधिकृत किया गया है।" पिछले वर्ष G20 की अध्यक्षता के दौरान भारत ने G20 ग्रुप के सभी सदस्यों के लिए क्रिप्टो से जुड़े कानून का ड्राफ्ट तैयार करने के उद्देश्य से इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बोर्ड (FSB) के साथ सहयोग किया था।