मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin ने फरवरी के बाद से पहली बार एक लाख डॉलर के लेवल को पार किया है। अमेरिका के प्रेसिडेंट Donald Trump की ब्रिटेन के साथ ट्रेड एग्रीमेंट करने की घोषणा से बिटकॉइन में गुरुवार को जोरदार तेजी आई है।
इस रिपोर्ट को पब्लिश किए जाने पर इंटरनेशनल क्रिप्टो एक्सचेंज
Binance पर बिटकॉइन का प्राइस लगभग 4.50 प्रतिशत की तेजी के साथ लगभग 1,01,160 डॉलर पर था। इस वर्ष की शुरुआत में बिटकॉइन ने 1,09,200 डॉलर से अधिक का हाई लेवल बनाया था। मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि
बिटकॉइन के एक लाख डॉलर के लेवल को पार करन के बाद इसमें शॉर्ट-टर्म में तेजी बरकरार रह सकती है। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether में लगभग 13.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी थी। Ether का प्राइस लगभग 2,045 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। इसके अलावा Solana और BNB जैसी क्रिप्टोकरेंसीज के प्राइसेज में भी तेजी थी।
अमेरिका के साथ हुए ट्रेड एग्रीमेंट के तहत ब्रिटेन ने एग्रीकल्चरल, केमिकल, एनर्जी और इंडस्ट्रियल एक्सपोर्ट पर रुकावटें कम करने और अमेरिका के गुड्स के लिए कस्टम्स के प्रोसेस को आसान बनाने की सहमति दी है। अमेरिका की कुछ अन्य देशों के साथ भी जल्द ट्रेड डील्स हो सकती हैं। ट्रंप ने प्रेसिडेंट का कार्यभार संभालने के बाद चीन सहित बहुत से देशों से इम्पोर्ट पर भारी टैरिफ लगाया था।
हाल ही में व्हाइट हाउस के डिजिटल एसेट्स पर प्रेसिडेंट की एडवाइजर्स की काउंसिल के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर, Bo Hines ने बताया था कि अमेरिकी सरकार बिटकॉइन की होल्डिंग के लिए अपने गोल्ड के रिजर्व का इस्तेमाल पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा था, "अगर हम गोल्ड के रिजर्व पर प्रॉफिट को बुक करते हैं तो यह बिटकॉइन खरीदने का एक अच्छा तरीका होगा।" Hines ने सीनेटर Cynthia Lummis की ओर से पेश किए गए बिटकॉइन एक्ट का भी जिक्र किया था। इसमें लगभग 10 लाख बिटकॉइन खरीदने का पक्ष लिया गया था। भारत में केंद्र सरकार का क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर रवैया सख्त रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी बिटकॉइन को लेकर आशंका जताई है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने बिटकॉइन में ट्रेडिंग को हवाला कारोबार की तरह बताया था। इसके साथ ही कोर्ट ने वर्चुअल करेंसीज के रेगुलेशन को लेकर स्थिति को स्पष्ट नहीं करने पर केंद्र सरकार को भी फटकार लगाई थी।