मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin का प्राइस मंगलवार को 0.26 प्रतिशत बढ़कर 26,087 डॉलर पर था। पिछले एक दिन में बिटकॉइन में 39 डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा अन्य क्रिप्टोकरेंसीज के प्राइस भी बढ़े हैं। हालांकि, एनालिस्ट्स का कहना है कि क्रिप्टो मार्केट में रिकवरी का कोई बड़ा संकेत नहीं है।
दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी
Ether का प्राइस 0.34 प्रतिशत बढ़ा है। इसका प्राइस 1,653 डॉलर पर था। क्रिप्टो फर्म Mudrex के CEO, Edul Patel ने Gadgets 360 को बताया, "बिटकॉइन में इस महीने 11 प्रतिशत की गिरावट है। इसके पीछे बिकवाली का दबाव और मार्केट में तेजी के कारणों में कमी है। बिटकॉइन का प्राइस आगामी महीनों 25,900 डॉलर और 26,300 डॉलर की रेंज में रहेगा।"
Tether, Binance Coin, Ripple, USD Coin, Cardano, Solana, Polkadot, Polygon, Litecoin, Avalanche, Stellar और Chainlink के प्राइसेज भी बढ़े हैं। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन 0.21 प्रतिशत बढ़कर 1.05 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंच गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्रिप्टो सेगमेंट के लिए रूल्स बनाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के डिवेलपमेंट के साथ रफ्तार बनाए रखने की जरूरत है। इससे पहले फाइनेंस मिनिस्ट्री और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने भी क्रिप्टो के लिए रूल्स बनाने का पक्ष लिया था। एक मीडिया इंटरव्यू में मोदी ने कहा है कि टेक्नोलॉजीज को लोकतांत्रिक बनाया जाना चाहिए और इन्हें अनदेखा करने के बजाय अपनाने की जरूरत है।
भारत की G20 अध्यक्षता के हिस्से के तहत टॉप एजेंडों में
क्रिप्टोकरेंसीज का रेगुलेशन भी शामिल है। मोदी ने कहा कि क्रिप्टो के लिए वैश्विक सहमति के साथ रूल्स बनाए जाने चाहिए जो सभी देशों के लिए समान हों। उनका कहना था, "टेक्नोलॉजी में बदलाव की तेज रफ्तार एक वास्तविकता है और इसे अनदेखा करने का कोई मतलब नहीं है। इससे जुड़े रूल्स और फ्रेमवर्क एक देश या देशों के समूह से नहीं जुड़े होने चाहिए।" क्रिप्टो सेगमेंट के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लागू होने वाले रूल्स पर भारत कार्य कर रहा है। हाल ही में होम मिनिस्टर अमित शाह ने क्रिप्टो और मेटावर्स से जुड़े रिस्क को डायनामाइट के विस्फोट के जैसा खतरनाक बताया था। उन्होंने कहा था कि इससे निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर एक साझा स्ट्रैटेजी बनाने की जरूरत है।