मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin का प्राइस मंगलवार को लगभग दो प्रतिशत की गिरावट के साथ खुला। पिछले एक दिन में इसकी वैल्यू लगभग 1.30 प्रतिशत घटी है। Binance और Coinbase जैसे इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर यह 16,664 डॉलर पर था। पिछले एक दिन में बिटकॉइन की वैल्यू लगभग 263 डॉलर गिरी है।
दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी
Ether का प्राइस भी टूटा है। यह 1,184 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। इसके अलावा Tether, USD Coin और Binance USD जैसे स्टेबलकॉइन्स और Binance Coin, Ripple, Cardano, Polygon, Polkadot, Tron और Litecoin में भी गिरावट रही। क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 810 अरब डॉलर पर है। बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में शामिल FTX के बैंकरप्ट होने से क्रिप्टो मार्केट में गिरावट आई है। इसके अलावा स्लोडाउन और कुछ अन्य कारणों का भी मार्केट पर असर पड़ा है।
Organisation for Economic Cooperation and Development (OECD) ने क्रिप्टो मार्केट की वैल्यू में रिकवरी नहीं होने का बड़ा कारण इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स को बताया है। OECD ने एक रिपोर्ट में कहा है कि क्रिप्टो मार्केट में गिरावट के बीच रिटेल इनवेस्टर्स की तुलना में इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स ने अधिक बिकवाली की है। FTX के बैंकरप्ट होने के बाद बड़ी संख्या में इनवेस्टर्स ने क्रिप्टोकरेंसीज से दूरी बना ली है।
FTX के सॉफ्टवेयर में बदलाव कर क्लाइंट्स के फंड का इस्तेमाल किया गया था। एक्सचेंज के चीफ इंजीनियर ने कोड में बदलाव कर FTX के फाउंडर Sam Bankman Fried की फर्म Alameda Research को उधार ली गई रकम पर नुकसान उठाने के बावजूद उसके एसेट्स बेचने से छूट दी थी।
इस छूट से फर्म को FTX से फंड उधार लेने की अनुमति मिल गई थी चाहे उसके बदले में कोलेट्रल की वैल्यू कितनी भी हो। कोड में इस बदलाव को अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने पकड़ा है। SEC ने बताया कि इससे Alameda Research को बिना किसी लिमिट के क्रेडिट दिया जा रहा था। फर्म को दो वर्षों में अरबों डॉलर का उधार गोपनीय तरीके से दिया गया था। एक्सचेंज के लिए मुश्किलों की शुरुआत पिछले महीने हुई थी जब इसकी बैलेंस शीट पर सवाल उठे थे। इसके बाद एक्सचेंज के कस्टमर्स ने इससे अरबों डॉलर निकालने की कोशिश की थी लेकिन इनमें से अधिकतर अपनी रकम नहीं ले सके थे।