भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो (ISRO) बड़ी तैयारी में जुटा है। खबरों की मानें तो भारतीय स्पेस एजेंसी जुलाई में चांद और सूरज दोनों पर स्पेस मिशन लॉन्च कर सकती है। चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) और आदित्य L1 (Aditya L1) आगामी मिशन होंगे। चंद्रयान-3 इसरो का तीसरा मून मिशन है। मिशन के तहत एक स्पेसक्राफ्ट को चांद की कक्षा में भेजा जाएगा। वहीं, आदित्य एल1 सूर्य पर भेजा जाने वाला भारत का पहला मिशन होगा। चंद्रयान 3 की बजट 615 करोड़ रुपये बताया जाता है, जबकि आदित्य एल 1 मिशन लगभग 378 करोड़ रुपये का है।
गौरतलब है कि सितंबर 2019 में
चंद्रयान-2 मिशन को लॉन्च किया गया था। उसका लैंडर ‘विक्रम' चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसके बाद चांद पर यान उतारने की भारत की पहली कोशिश नाकाम हो गई थी। पिछले साल इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा था कि चंद्रयान-3 मिशन तैयार है। यह चंद्रयान-2 की रेप्लिका नहीं है। यान की इंजीनियरिंग एकदम अलग है। हमने इसे बहुत मजबूत बनाया है, ताकि पहले जैसी परेशानियां सामने ना आएं।
चंद्रयान 3 मिशन में भी एक लैंडर और एक रोवर होगा। ये चंद्रमा की सतह का विश्लेषण करेंगे।
मिशन जुलाई के पहले सप्ताह में शुरू होने वाला है। दूसरी ओर,
आदित्य एल1 ‘इसरो' के लिए ऐतिहासिक मिशन होगा। यह सूर्य पर भेजा जाने वाला भारत का पहला मिशन है। आदित्य एल1 एक कोरोनोग्राफी अंतरिक्ष यान (coronagraphy spacecraft) है जो सूर्य के पर्यावरण पर शोध करेगा। चंद्रयान 3 के बाद इसे लॉन्च किया जाएगा। यह मिशन सूर्य से निकलने वाले चुंबकीय तूफानों और पृथ्वी पर उनके प्रभावों को भी स्टडी करेगा।
इसरो के गगनयान मिशन की भी काफी चर्चा हो रही है। इसके बारे में इसरो प्रमुख पहले ही कह चुके हैं कि इंसान को अंतरिक्ष में ले जाने से पहले 6 परीक्षण उड़ानें की जाएंगी। ‘गगनयान' मिशन की तैयारी ‘‘धीमी और स्थिर गति से चल रही है।'' मिशन की टेस्टिंग के दौरान यह भी परखा जाएगा कि इसरो के पास बुरे हालात में चालक दल को बचाने की क्षमता है या नहीं। साल 2024 के आखिर तक इसरो इंसान को अंतरिक्ष में भेज सकती है।