एक साइबर सिक्योरिटी फर्म का कहना है कि पिछले छह महीने में 60 हजार से ज्यादा Android ऐप्स में एडवेयर मिले हैं, जो बुरे मकसद रखने वाले डेवलपर्स के लिए स्मार्टफोन में बैकग्राउंड या फोरग्राउंड में किसी न किसी तरीके से विज्ञापन चलाकर पैसे बनाने का काम करते हैं। एडवेयर्स को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि ये आम यूजर के पकड़ में नहीं आता है। रिपोर्ट का कहना है कि एडवेयर्स से संक्रमित ऐप्स आधिकारिक गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद नहीं है। इसके बजाय ये थर्ड-पार्टी स्टोर्स और इंटरनेट पर apk के रूप में डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं।
Bitdefender की
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले छह महीनों में कम से कम 60,000 Android ऐप में एडवेयर पाए गए हैं। एडवेयर्स अकसर बैकग्राउंड में विज्ञापन चलाने का काम करते हैं और इनकी वजह से स्मार्टफोन के बैटरी बैकअप में भी बुरा प्रभाव पड़ता है। ये स्मार्टफोन की परफॉर्मेंस में भी असर डालते हैं।
रिपोर्ट बताती है कि संक्रमित ऐप्स आधिकारिक Google Play Store पर नहीं, बल्कि Google सर्च के जरिए खोजे जाने पर योग्य थर्ड-पार्टी ऐप स्टोर या वेबसाइट्स पर मिल रहे हैं। इतना ही नहीं, इनमें से कई थर्ड-पार्टी ऐप्स Netflix, YouTube, TikTok जैसे पॉपुलर ऐप्स की नकल करते हैं और साथ ही फ्री VPN या प्रीमियम ऐप्स का एड-फ्री अनुभव देने का दावा करते हैं।
आम यूजर को ये वेबसाइट अच्छे से बेवकूफ बना सकती है, क्योंकि जब कोई यूजर कथित तौर पर गूगल सर्च से किसी थर्ड-पार्टी वेबसाइट खोलता है, तो उसे एक विज्ञापन पेज पर ले जाया जाता है, जो एक वैध डाउनलोड पेज के समान दिखाई देता है, लेकिन यह वास्तव में डिवाइस पर एडवेयर इंस्टॉल करता है।
एक बार जब ऐप इंस्टॉल हो जाता है और स्मार्टफोन में खोला जाता है, तो यह एरर मैसेज दिखाता है और ऐप को अनइंस्टॉल करने का ऑप्शन दिखाता है। अब, यदि कोई यूजर इसे अनइंस्टॉल कर भी देता है, तो भी एडवेयर स्मार्टफोन में ही रहता है और बैकग्राउंड में चलता रहता है।