नए Android स्मार्टफोन में घट सकते हैं Google के ऐप्स, कंपनी के खिलाफ फैसले का असर

IMADA लाइसेंस के तहत सर्च बार, गूगल ऐप्स का फोल्डर भी डिवाइस की होमस्क्रीन पर रखने की जरूरत नहीं होगी

विज्ञापन
Written by रॉयडन सरेजो, Edited by आकाश आनंद, अपडेटेड: 21 फरवरी 2023 22:34 IST
ख़ास बातें
  • IMADA के तहत डिवाइसेज को केवल भारत में ही बेचा जा सकता है
  • देश में 60 करोड़ स्मार्टफोन्स में से लगभग 97 प्रतिशत एंड्रॉयड पर चलते है
  • OEM को डिवाइसेज में शामिल किए जाने वाले गूगल ऐप्स को चुनने क छूट होगी

यूजर्स फोन को सेटअप करने पर अपने डिफॉल्ट सर्च इंजन को भी चुन सकेंगे

ग्लोबल टेक कंपनी  Google के खिलाफ पिछले वर्ष कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) के फैसले का देश में Android डिवाइसेज पर असर पड़ सकता है। इस फैसले से गूगल को देश में सैमसंग और शाओमी जैसे ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (OEM) के साथ अपने सॉफ्टवेयर लाइसेंसिंग एग्रीमेंट्स को संशोधित करना होगा। 

एक लीक हुई रिपोर्ट के अनुसार, डिवाइस मैन्युफैक्चरर्स स्मार्टफोन, टैबलेट्स जैसे एंड्रॉयड डिवाइसेज को देश में ग्लोबल MADA (मोबाइल एप्लिकेशन डिस्ट्रीब्यूशन लाइसेंस) के तहत रिलीज करना जारी रख सकते हैं या नए IMADA लाइसेंस को चुन सकते हैं। ऐसा कहा जा कहा है कि IMADA भारत में जरूरतों के अनुसार बनाया गया नया एग्रीमेंट है जिसमें OEM प्रत्येक नए एंड्रॉयड फोन के साथ आने वाले गूगल के 11 ऐप्स के प्री-इंस्टॉलेशन से हटना चुन सकते हैं। IMADA के तहत सर्च बार, गूगल ऐप्स का फोल्डर भी डिवाइस की होमस्क्रीन पर रखने की जरूरत नहीं होगी। 

इसके अलावा यूजर्स फोन को सेटअप करने पर अपने डिफॉल्ट सर्च इंजन को भी चुन सकेंगे। टिप्सटर Kuba Wojciechowski (@Za_Raczke) ने हाल ही में एक ट्वीट में इस बारे में महत्वपूर्ण विवरण दिए थे और इससे जुड़े दस्तावेज तक पहुंच होने का दावा किया था। नए IMADA लाइसेंस के तहत स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों को यह चुनने की छूट मिलेगी कि वे किन गूगल ऐप्स को शामिल करना चाहती हैं। हालांकि, इसमें एक शर्त यह है कि IMADA के तहत डिवाइसेज को केवल भारत में ही बेचा जा सकता है। Wojciechowski का कहना है कि इसके बावजूद OEM को ऐसी कोर सर्विसेज शामिल करने की जरूरत होगी जो गूगल API के लिए जरूरी हैं। 

देश में 60 करोड़ स्मार्टफोन्स में से लगभग 97 प्रतिशत एंड्रॉयड पर चलते हैं। CCI ने गूगल को चलाने वाली अमेरिकी कंपनी Alphabet Inc पर एंड्रॉयड के मार्केट में अपनी दबदबे वाली स्थिति का गलत इस्तेमाल करने के लिए पिछले वर्ष अक्टूबर में लगभग 16.1 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया था। कंपनी ने इसके खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (NCLAT) में अपील की थी। NCLAT ने इस पेनल्टी पर अंतरिम रोक लगाने से मना कर दिया था। इसके बाद गूगल ने NCLAT के ऑर्डर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने पेनल्टी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को NCLAT के ऑर्डर के तहत पेनल्टी की 10 प्रतिशत रकम जमा करने के लिए कहा था। 



 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: Android, Google, devices, CCI, Market, Smartphone, Default, License, Samsung, Apps, Users, Demand
Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. मोबाइल डाटा हो जाता है जल्दी खत्म? ऐसे करें बचत और लंबे समय तक कर पाएंगे उपयोग
#ताज़ा ख़बरें
  1. मोबाइल डाटा हो जाता है जल्दी खत्म? ऐसे करें बचत और लंबे समय तक कर पाएंगे उपयोग
  2. Vivo X300 Pro vs OnePlus 13 vs Samsung Galaxy S25 5G: जानें कौन सा रहेगा बेस्ट
  3. स्लो इंटरनेट स्पीड हो जाएगी तेज, ऐसे ऐसे लगाएंगे राउटर, घर के लिए बेस्ट राउटर का ऐसे करें चयन
  4. Huawei का नया बजट स्मार्टफोन बिना नेटवर्क के भी कर सकता है कॉल, इस कीमत में हुआ लॉन्च
  5. Elon Musk की Starlink ने भारतीयों के लिए निकाली जॉब, यहां से करें अप्लाई
  6. Lava Probuds N33: सिंगल चार्ज में 40 घंटे चलने वाले नेकबैंड लावा ने Rs 1,299 में किए लॉन्च, जानें खास फीचर्स
  7. Chrome चला रहे हो तो हो जाओ सावधान! एक गलती और सिस्टम हो जाएगा हैक, यहां जानें बचने का तरीका
  8. Amazon की नई Fire TV Stick 4K Select लॉन्च, HDR10+, वॉयस रिमोट का सपोर्ट, जानें कीमत
  9. Suzuki ने दिखाया EV का 'छोटा पैकेट बड़ा धमाका!', Nano जितना साइज, लेकिन रेंज 270 KM
  10. BSNL को मिला 4G लॉन्च का फायदा, रेवेन्यू में हुई बढ़ोतरी
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.