Google के Play Store ने 22 लाख से ज्यादा ऐप्स पर लगाया बैन, पॉलिसी का उल्लंघन है कारण

गूगल ने अपने सिक्योरिटी पर फोकस्ड ब्लॉग में उन उपायों की भी जानकारी दी है जो यूजर्स को संदिग्ध ऐप्स, मैलवेयर और ऑनलाइन स्कैम से बचाने के लिए किए गए हैं

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Written by गैजेट्स 360 स्टाफ, Edited by आकाश आनंद, अपडेटेड: 30 अप्रैल 2024 18:04 IST
ख़ास बातें
  • गूगल ने लगभग 3,33,000 डिवेलपर एकाउंट्स पर भी रोक लगाई है
  • कंपनी ने यूजर्स को संदिग्ध ऐप्स और ऑनलाइन स्कैम से बचाने के उपाय किए हैं
  • Play Store पर रिस्क वाले ऐप्स की पहचान शुरू की गई है

कंपनी ने अपने ऐप मार्केटप्लेस पर यूजर एक्सपीरिएंस में सुधार के लिए नई पॉलिसी भी लागू की है

अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी Google के Play Store ने पॉलिसी के उल्लंघनों के कारण पिछले वर्ष लगभग 22.8 लाख ऐप्स पर बैन लगाया है। गूगल ने बताया कि उसने मैलवेयर और पॉलिसी के लगातार उल्लंघनों के चलते लगभग 3,33,000 डिवेलपर एकाउंट्स पर भी रोक लगाई है। कंपनी ने अपने ऐप मार्केटप्लेस पर यूजर एक्सपीरिएंस में सुधार के लिए नई पॉलिसी भी लागू की है। 

गूगल ने अपने सिक्योरिटी पर फोकस्ड ब्लॉग में उन उपायों की भी जानकारी दी है जो यूजर्स को संदिग्ध ऐप्स, मैलवेयर और ऑनलाइन स्कैम से बचाने के लिए किए गए हैं। पॉलिसी के उल्लंघनों के कारण लगभग 22.8 लाख ऐप्स को पब्लिश करने से रोकन और लगभग 3,33,000 डिवेलपर एकाउंट्स पर बैन लगाने के अलावा Play Store ने संवेदनशील अनुमतियों के उचित इस्तेमाल को सुनिश्चित नहीं करने के कारण लगभग दो लाख ऐप के आवेदनों को भी अस्वीकार या उनमें सुधार किया है। संवेदनशील अनुमतियों में बैकग्राउंड लोकेशन ट्रैकिंग और SMS या कॉन्टैक्ट्स का एक्सेस शामिल होता है। 

इसके साथ ही Play Store ने फ्रॉड करने वाले इनवेस्टमेंट और क्रिप्टो एक्सचेंज ऐप्स को अपलड करने की कोशिशें करने वाले दो ऐप डिवेलपर्स के खिलाफ फेडरल कोर्ट में कानूनी मामला भी दाखिल किया है। गूगल ने अपने Play Store पर रिस्क वाले ऐप्स की पहचान शुरू कर दी है। इसी कड़ी में गूगल ने चीन के दो नागरिकों के खिलाफ कानूनी मामला दर्ज कराया है। इन दोनों पर प्ले स्टोर का इस्तेमाल फ्रॉड करने वाले क्रिप्टो ऐप्स के विज्ञापन के लिए करने का शक है। गूगल की कॉम्पिटिटर Apple की क्रिप्टो से जुड़ी एक्टिविटीज से दूरी बनाए रखने की पॉलिसी है। गूगल की ओर से दर्ज कराए गए मामले में आरोप लगाया गया है कि चीन के ये दोनों नागरिक फ्रॉड करने वाले क्रिप्टो ऐप्स से जुड़ने के लिए लोगों को लालच दे रहे थे। 

इन ऐप्स से जुड़ने वालों को डिपॉजिट देने के लिए कहा जाता था और बाद में उनका एक्सेस ब्लॉक कर दिया जाता था। गूगल का आरोप है कि चीन के इन दोनों नागरिकों ने अपनी गलत पहचान और लोकेशन बताई थी और प्ले स्टोर पर पब्लिश करने के लिए इन ऐप्स के बारे में गलत जानकारी दी थी। इन फ्रॉड क्रिप्टो ऐप्स के एक लाख से अधिक डाउनलोड होने का अनुमान है। 
 
 

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