DigiLocker की इस कमी से खतरे में था 3.8 करोड़ यूज़र्स का डेटा

Security Researcher आशीष गहलोत ने DigiLocker की इस कमी को उजागर किया था। उन्होंने ऑथेंटिकेशन मैकनिज़म को एनालिसस करते हुए डिजिलॉकर सिस्टम में इस कमी को पाया।

DigiLocker की इस कमी से खतरे में था 3.8 करोड़ यूज़र्स का डेटा

DigiLocker है भारत सरकार का ऐप

ख़ास बातें
  • DigiLocker के ऑथेंटिकेशन मैकनिज़म में मिली थी खामी
  • कोई भी हासिल कर सकता था यूज़र के अकाउंट का एक्सेस
  • पिछले महीने रिसचर्स ने खोली थी इस कमी की पोल
विज्ञापन
एक के बाद एक सरकारी ऐप्स में बड़ी-बड़ी खामियां सामने आ रही हैं, जिससे लाखों नागारिकों के निजी डेटा पर आसानी से हैकर्स सेंध मार सकते हैं। CSC BHIM वेबसाइट के बाद अब DigiLocker पर भी कुछ इसी तरह के सवाल उठ रहे हैं। DigiLocker, एक सरकारी ऑनलाइन सर्विस है, जिसमें डॉक्यूमेंट्स को डिज़िटली स्टोर करने की सुविधा है। हालांकि, इसमें ऑथेंटिकेशन में खामी पाई गई, जिसके कारण करोड़ो यूज़र्स का डेटा खतरे में था। इस कमी का लाभ उठाकर हैकर्स टू-स्टेप ऑथेंटिकेशन को बायपास करके किसी का भी संवेदनशील डेटा एक्सेस कर सकते थे। हालांकि, खामी उगाजर होते ही, इसे फिक्स कर दिया गया है। गौर करने वाली बात यह है कि इस सरकारी सर्विस का इस्तेमाल 3.84 करोड़ यूज़र्स करते हैं, अगर यह खामी सामने नहीं आती, तो कोई भी इन सभी यूज़र्स के डेटा का गलत इस्तेमाल आसानी से कर सकता था।

Security Researcher आशीष गहलोत ने DigiLocker की इस कमी को उजागर किया था। उन्होंने ऑथेंटिकेशन मैकनिज़म को एनालिसस करते हुए डिजिलॉकर सिस्टम में इस कमी को पाया। हालांकि, रिसर्चर ने पाया कि डिजिटल स्टोरेज में लॉग-इन करते समय डिफॉल्ट मैकनिज़म वन-टाइम पासवर्ड (OTP) और पिन मांगता है। लेकिन, वह इस प्रक्रिया को बायपास करने में सफल रहे, उन्होंने इसमें आधार नंबर जोड़ा और डिजिलॉकर के कनेक्शन को इंटरस्पेट करते हुए पैरामीटर्स बदल दिए।

जो भी शख्स टेक्निकल ज्ञान रखता होगा, वह इस ऑथेंटिकेशन कमी का लाभ उठाकर नया पिन सेट कर सकता है और यहां तक कि डिजिलॉकर अकाउंट को एक्सेस करने में भी कामयाब हो सकता है, वो भी बिना किसी पासवर्ड के। इसके अलावा इस कमी के जरिए हैकर्स ओटीपी प्रक्रिया को बायपास करके यूज़र प्रोफाइल को भी एक्सेस कर सकता है और इंटरस्पेटिंग टूल का इस्तेमाल करके कई बदलाव भी कर सकता है।

आपको बता दें, गहलोत ने डिजिलॉकर में यह कमी पिछले महीने देखी थी, जिसके बाद उन्होंने इसकी जानकारी डिजिलॉकर टीम को भी दी। टीम ने कुछ ही दिनों में पिन बायपास की इस कमी को फिक्स कर दिया। हालांकि, ओटीपी बायपास कमी को सोमवार को फिक्स किया गया है।
 

DigiLocker साइट पर उपलब्ध आंकड़ों को देखें, तो 3.84 करोड़ रजिस्टर्ड यूज़र्स इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं। इस प्लेटफॉर्म पर आधार कार्ड, इंशोरेंस लेटर, इनकम टैक्स रिटर्न, मार्कशीट जैसे कई डॉक्यूमेंट्स को स्टोर किया जाता है।
 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: , DigiLocker vulnerability, DigiLocker
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. MG Motor ने लॉन्च किया Windsor EV का Pro वर्जन, 440 किलोमीटर से ज्यादा की रेंज
  2. भारत का स्मार्टफोन मार्केट 7 प्रतिशत घटा, Vivo रही सबसे आगे
  3. देश में एलन मस्क की स्टारलिंक की इंटरनेट सर्विस शुरू होने से पहले जारी हुए सिक्योरिटी रूल
  4. Realme का तहलका! 10,000mAh बैटरी और 320W चार्जिंग वाला Realme GT कॉन्सेप्ट फोन दिखाया
  5. Honor 400 के स्पेसिफिकेशन्स एक बार फिर लीक, Geekbench पर किया गया टेस्ट; जानें परफॉर्मेंस स्कोर
  6. Oppo जल्द लॉन्च करेगी Reno 14 सीरीज, बेस और प्रो वेरिएंट्स हो सकते हैं शामिल
  7. Moto G86 के लॉन्च से पहले Moto G96 हो गया लीक! मिडरेंज में देगा टक्कर
  8. Motorola का Razr 60 Ultra जल्द होगा भारत में लॉन्च, 50 मेगापिक्सल डुअल रियर कैमरा यूनिट
  9. Panchayat Season 4 हो रहा है 2 जुलाई को रिलीज, जानिए कब और कहां देख पाएंगे नए एपिसोड्स
  10. सुप्रीम कोर्ट ने बिटकॉइन में ट्रेडिंग को हवाला की तरह बताया
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »