दक्षिण भारत में स्थित ऐपल Apple आईफोन के असेंबलिंग प्लांट Foxconn में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इस महीने की शुरुआत में तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर शहर में फॉक्सकॉन प्लांट में काम करने वाली 250 से अधिक महिलाओं को फूड पॉइजनिंग की शिकायत हुई थी। ये सभी फॉक्सकॉन की डॉर्मिटरी में रहती हैं। इसके बाद वहां काफी विरोध-प्रदर्शन हुए थे। अब ऐपल और फॉक्सकॉन ने पाया कि है फॉक्सकॉन प्लांट में कर्मचारियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वालीं कुछ रिमोट डॉर्मिटरी और डाइनिंग रूम जरूरी स्टैंडर्ड्स को पूरा नहीं करते हैं। दोनों कंपनियों के प्रवक्ता ने बुधवार को यह बताया है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ताइवान की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी फॉक्सकॉन के प्लांट में 18 दिसंबर को प्रोडक्शन रोक दिया गया था। बुधवार को फॉक्सकॉन ने बताया कि वह अपनी लोकल मैनेजमेंट टीम को पुनर्गठित कर रही है, ताकि जरूरी स्टैंडर्ड्स को हासिल करना और उन्हें मेंटेन करना सुनिश्चित हो सके। कंपनी के मुताबिक, वह सुविधाओं बेहतर करने के लिए फौरन कदम उठा रही है। ऑपरेशंस को शुरू करने के लिए जब तक जरूरी सुधार नहीं कर लिए जाते, सभी कर्मचारियों की पेमेंट जारी रहेगी।
ऐपल के प्रवक्ता ने कहा कि फूड सेफ्टी और आवासीय स्थिति के बारे में हाल की चिंताओं के बाद डॉर्मिटरी में स्थितियों का आकलन करने के लिए इंडिपेंडेंट ऑडिटर्स को ‘फॉक्सकॉन श्रीपेरंबदूर' में भेजा था।
प्रवक्ता ने बताया कि कर्मचारियों के लिए इस्तेमाल की जा रहीं कुछ रिमोट डॉर्मिटरी और डाइनिंग रूम कंपनी के मानकों को पूरा नहीं करते। इन्हें बेहतर बनाने के लिए कंपनी, फॉक्सकॉन के साथ काम कर रही है।
फॉक्सकॉन की श्रीपेरंबुदूर फैसिलिटी को फिलहाल "प्रोबेशन" पर रखा गया है। ऐपल सुनिश्चित करेगी कि प्लांट को फिर से शुरू करने से पहले सख्त मानकों को पूरा किया जाए। ऐपल के प्रवक्ता ने कहा कि इंडस्ट्री में उच्चतम मानकों के लिए वह अपने सप्लायर्स को जवाबदेह बनाती है। वह इसका आकलन करती है कि तमाम बातों का पालन किया जाए।
यहां ध्यान देना चाहिए कि ऐपल के सप्लायर्स के रूप में चीनी कंपनियों का दखल बढ़ता जा रहा है और ताइवान की फॉक्सकॉन उन कंपनियों में से है, जो चीनी कंपनियों को चुनौती दे रही है। फॉक्सकॉन की एक प्रतिदृंदी Luxshare चीन में 40 फुटबॉल ग्राउंड जितनी बड़ी iPhone फैक्ट्री तैयार कर रही है। ऐसे में फॉक्सकॉन को उसके प्लांट बेहतर बनाने की जरूरत है। वरना ऐपल कोई बड़ा कदम उठाने पर मजबूर हो सकती है।