इस तरह की घटनाएं पिछले कुछ महीनों में बढ़ती नज़र आ रही है, जिसे लेकर अब सरकार गंभीर दिखाई दे रही है। केंद्र ने ईवी में आग की घटनाओं की जांच के लिए सेंटर फॉर फायर एक्सप्लोसिव एंड एनवायरनमेंट सेफ्टी (CFEES) को शामिल किया है।
एथर एनर्जी के सीईओ ने ये भी कहा कि इसका दूसरा कारण भारत में हाई-स्पीड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की मांग बढ़ना भी है। कंपनियां अधिक स्पीड वाले ईवी (EV) बना रही हैं जिनमें कम कम क्षमता वाली बैटरी का ओवरहीट होना लाजमी है।