Internet Security

Internet Security - ख़बरें

  • भारत में TikTok पर बैन बरकरार, कंपनी ने अनुमति मिलने से किया इनकार
    मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (MeitY) ने कुछ वर्ष पहले राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा की प्राइवेसी को लेकर आशंकाओं की वजह से इस चाइनीज ऐप पर बैन लगाया था। टिकटॉक के प्रवक्ता ने एक स्टेटमेंट में पुष्टि की है कि भारत में इस शॉर्ट वीडियो ऐप पर प्रतिबंध बरकरार है। इससे पहले भी इस ऐप से बैन हटाए जाने की अफवाह उठ चुकी है
  • WhatsApp ने भारत में बैन किए 98 लाख से ज्यादा एकाउंट्स, गलत इस्तेमाल, नुकसान की थी आशंका
    जून में इस मैसेजिंग प्लेटफॉर्म को यूजर्स से 23,596 शिकायतें मिली थी। इन शिकायतों से जुड़े 1,001 एकाउंट्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इसमें एकाउंट्स को बैन करना शामिल है। इन शिकायतों में से 16,069 बैन की अपील से जुड़ी थी। इसके नतीजे में 756 एकाउंट्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है। जून में वॉट्सऐप को यूजर्स से कुल 23,596 शिकायतें मिली थी।
  • Microsoft ने पाकिस्तान में 25 वर्षों के बाद बंद किया ऑफिस
    Microsoft का ऑफिस 25 वर्षों से पाकिस्तान में था। कंपनी ने इस फैसले के पीछे इंटरनेशनल लेवल पर बिजनेस रिस्ट्रक्चरिंग और क्लाउड-बेस्ड मॉडल पर शिफ्ट का कारण बताया है। माइक्रोसॉफ्ट ने अपनी वर्कफोर्स को लगभग चार प्रतिशत घटाने का फैसला किया है। इससे बहुत से देशों में कंपनी के 9,000 से अधिक वर्कर्स पर असर पड़ेगा।
  • अमेरिकी वीजा लेना है तो देनी होगी सोशल मीडिया की पूरी जानकारी, नहीं तो...
    X पर एक पोस्ट में US Embassy in India ने यह बताया है कि DS‑160 फॉर्म (जिसे अधिकतर नॉन‑इमिग्रेंट वीजा के लिए भरना पड़ता है) में पिछले 5 सालों के सभी सोशल मीडिया हैंडल (Facebook, X, Instagram, LinkedIn, TikTok आदि) शामिल करना अनिवार्य है। एम्बेसी के मुताबिक, "Every U.S. visa adjudication is a national security decision," यानी वीजा दिया जा रहा है या नहीं यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला भी है।
  • अमेरिकी पॉर्लियामेंट के स्टाफ के लिए बैन हुआ WhatsApp, ये है कारण....
    अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के स्टाफ के लिए जारी किए गए एक मेमो में कहा गया है कि ऑफिस ऑफ सायबरसिक्योरिटी वॉट्सऐप को यूजर्स के लिए अधिक रिस्क वाला ऐप मानता है। इसका कारण यूजर डेटा के प्रोटेक्शन को लेकर ट्रांसपेरेंसी की कमी, स्टोर किए गए डेटा का एनक्रिप्शन न होना और इसके इस्तेमाल से सिक्योरिटी को लेकर आशंका प्रमुख कारण हैं।
  • डेटा की बड़ी चोरी में 16 अरब लॉगिन डिटेल्स हुई लीक, Apple और गूगल के यूजर्स के लिए खतरा
    इसे डेटा की चोरी के सबसे बड़े मामलों में से एक बताया जा रहा है। इससे Apple और Google सहित बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों के साथ ही कई देशों की सरकारी वेबसाइट्स पर असर पड़ा है। डेटा की इस चोरी से पर्सनल डिटेल्स तक हैकर्स की पहुंच का खतरा है, जिसका इस्तेमाल एकाउंट्स पर कंट्रोल करने, आइडेंटिटी की चोरी और फिशिंग अटैक्स के लिए किया जा सकता है।
  • सोलर तूफानों से Elon Musk की Starlink के सैटेलाइट्स आसमान से गिर रहे
    अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के Goddard Space Flight Centre में स्पेस फिजिसिस्ट, Denny Oliveira ने पिछले कुछ वर्षों में धरती पर वापस गिरे स्टारलिंक के 523 सैटेलाइट्स पर एक स्टडी की अगुवाई की है। इस स्टडी में पता चला है कि सूर्य में विस्फोटों से बनने वाले जियोमैग्नेटिक तूफानों से वातावरण में खिंचाव बढ़ता है और इससे सैटेलाइट्स ऑर्बिट से गिरकर तेजी से वातावरण में दोबारा एंट्री करते हैं।
  • राज्य सरकारों को DoT से मिली BSNL की सर्विस का इस्तेमाल करने की सलाह
    Dot की ओर से लिखे गए पत्र में राज्य सरकारों को BSNL के साथ ही महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) की टेलीकॉम सर्विस का भी इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। हालांकि, Reliance Jio और Bharti Airtel जैसी प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों के विपरीत BSNL का 4G नेटवर्क पूरे देश में मौजूद नहीं है। बड़ी प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों का 5G नेटवर्क भी देश के बड़े हिस्से में शुरू हो चुका है।
  • भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के लिए Elon Musk की स्टारलिंक को मिला लाइसेंस
    बिलिनेयर Elon Musk की Starlink को यह सैटेलाइट कम्युनिकेशन सर्विसेज उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर से अनुमति मिल गई है। टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) ने स्टारलिंक को इसके लिए लेटर ऑफ इंटेंट (LoI) जारी किया है। स्टारलिंक को मस्क की रॉकेट कंपनी SpaceX ने डिवेलप किया है। यह सैटेलाइट टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से कई देशों में हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विस उपलब्ध कराती है।
  • India Pakistan Tension: ब्लैकआउट से लेकर एयर रेड सायरन तक, कल होगी देश की सबसे बड़ी सिक्योरिटी ड्रिल!
    भारत सरकार ने आतंकी हमले के बाद एक बड़ा कदम उठाते हुए 7 मई को देश के 244 जिलों में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल कराने का ऐलान किया है। NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, यह ड्रिल्स दिल्ली, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में होंगी। इसके तहत ब्लैकआउट एक्सरसाइज, एयर रेड सायरन, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना और इमरजेंसी कम्युनिकेशन सिस्टम को चेक करने जैसे एक्टिविटीज शामिल होंगी। 
  • सोशल मीडिया, OTT पर अश्लील कंटेंट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मांगा सरकार से जवाब
    जस्टिस B R Gavai और Augustine George Masih की बेंच ने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए उपाय लागू करना विधानमंडल या कार्यकारिणी की जिम्मेदारी है। बेंच का कहना था, "यह सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र के अंदर नहीं है। इस बारे में केंद्र सरकार की ओर पेश हुए सॉलिसिटर जनरल, Tushar Mehta ने कहा कि सरकार इसे एक प्रतिकूल कानूनी मामले के तौर पर नहीं लेगी।
  • UPI से 2,000 रुपये से अधिक की ट्रांजैक्शंस पर GST लगाने से सरकार ने किया इनकार
    हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि UPI से 2,000 रुपये से अधिक की ट्रांजैक्शंस पर GST लग सकता है। सरकार ने इस तरह की रिपोर्ट्स को पूरी तरह गलत और भ्रामक बताया है। एक नोटिस में यह स्पष्ट किया गया है कि इस तरह के किसी प्रपोजल पर विचार नहीं किया जा रहा है। पिछले वर्ष दिसंबर में UPI के जरिए ट्रांजैक्शंस की कुल वैल्यू लगभग 23.25 लाख करोड़ रुपये की थी।
  • UPI के लिए NPCI का 30 करोड़ नए यूजर्स जोड़ने का टारगेट
    UPI की लोकप्रियता तेजी से बढ़ने के साथ दुनिया में डिजिटल ट्रांजैक्शंस में भारत का योगदान लगभग 46 प्रतिशत हो गया है। PwC की रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले 12 वर्षों में रिटेल डिजिटल पेमेंट्स में लगभग 90 गुणा की बढ़ोतरी हुई है। NPCI की योजना में UPI के फीचर्स बढ़ाना भी शामिल है। पिछले वर्ष दिसंबर में UPI के जरिए ट्रांजैक्शंस की कुल वैल्यू लगभग 23.25 लाख करोड़ रुपये की थी।
  • मोबाइल से पेमेंट्स 200 लाख करोड़ रुपये तक पहुंची, UPI ट्रांजैक्शंस बढ़ने का असर
    पिछले वर्ष की दूसरी छमाही में मोबाइल फोन्स के इस्तेमाल से ट्रांजैक्शंस की वैल्यू बढ़कर 198 लाख करोड़ रुपये की थी। यह वर्ष-दर-वर्ष आधार पर लगभग 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। इसमें यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ट्रांजैक्शंस की बढ़ी हिस्सेदारी है। पिछले वर्ष की दूसरी छमाही में मोबाइल से पेमेंट्स क्रेडिट और डेबिट कार्ड्स के जरिए खर्च की गई रकम की तुलना में लगभग 14.5 प्रतिशत अधिक थी।
  • डिजिटल फ्रॉड और स्कैम से निपटने के लिए WhatsApp का टेलीकॉम डिपार्टमेंट से टाई-अप
    इस मैसेजिंग ऐप के यूजर्स को ऑनलाइन स्कैम और स्पैम की पहचान करने में मदद के लिए कंटेंट उपलब्ध कराया जाएगा। यह कंटेंट आठ क्षेत्रीय भाषाओं में होगा। पिछले वर्ष वॉट्सऐप ने मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के साथ मिलकर 'स्कैम से बचो' कैम्पेन शुरू किया था। वॉट्सऐप का कंट्रोल अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनी Meta के पास है।

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