जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में फिर से तनाव की लहर दौड़ गई है। 22 अप्रैल 2025 को हुए इस हमले में कुल 26 लोगों की जान गई, जिनमें ज्यादातर हिंदू तीर्थयात्री थे। भारत ने इस हमले का जिम्मा पाकिस्तान-समर्थित आतंकियों पर डाला है, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों से साफ इनकार कर दिया है। इस घटनाक्रम के बाद दोनों देशों ने अपने-अपने स्तर पर सैन्य तैयारियों को तेज कर दिया है और अब हालात वॉर-लाइक सिचुएशन की तरफ बढ़ते दिख रहे हैं।
पूरे भारत में 7 मई को मॉक ड्रिल
भारत सरकार ने आतंकी हमले के बाद एक बड़ा कदम उठाते हुए 7 मई को देश के 244 जिलों में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल कराने का ऐलान किया है। NDTV की रिपोर्ट के
मुताबिक, यह ड्रिल्स दिल्ली, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में होंगी। इसके तहत ब्लैकआउट एक्सरसाइज, एयर रेड सायरन, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना और इमरजेंसी कम्युनिकेशन सिस्टम को चेक करने जैसे एक्टिविटीज शामिल होंगी।
मॉक ड्रिल में देखने को मिल सकता है ये अलर्ट सिस्टम
इस मॉक ड्रिल के दौरान कई शहरों में एयर रेड सायरन बजाए जा सकते हैं। ये वही सायरन होते हैं जो वॉर टाइम या नेचुरल डिजास्टर जैसे हालात में लोगों को तुरंत अलर्ट करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। इनकी आवाज तेज होती है और एक खास पैटर्न में बजती है, ताकि आम लोग समझ जाएं कि खतरे का सिग्नल दिया जा रहा है।
इसके साथ ही कुछ इलाकों में मोबाइल अलर्ट भी भेजे जा सकते हैं। यानी यूजर्स को उनके फोन पर फ्लैश मैसेज, नोटिफिकेशन या अलार्म टोन के साथ सरकारी चेतावनी मिल सकती है। हालांकि, सरकार की ओर से इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन 2023 में भारत सरकार ने SMS के जरिए अलर्ट मिलने के एक सिस्टम को तैयार किया था, जिसका उस समय टेस्ट भी किया गया था।
पाकिस्तान ने भी किया फुल मिलिट्री ड्रिल
दूसरी तरफ, पाकिस्तान की सेना भी पूरी तरह एक्टिव हो चुकी है। Nation.com.pk की
रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में पाकिस्तान आर्मी ने सियालकोट, नारोवाल, जफरवाल और शकरगढ़ सेक्टर्स में बड़े पैमाने पर लाइव फायर ड्रिल की है। इस अभ्यास में टैंक, आर्टिलरी यूनिट्स और भारी मात्रा में हथियारों का इस्तेमाल किया गया।
समुद्री मोर्चे पर भी हलचल
IDRW की रिपोर्ट के अनुसार, Arabian Sea (अरब सागर) में भी भारत और पाकिस्तान की नौसेनाएं आमने-सामने आ गई हैं। दोनों देशों ने अपनी नौसेनाओं को हाई अलर्ट पर रखा है और सीमावर्ती जल क्षेत्र में 'Eye-to-Eye' फायरिंग ड्रिल्स तक हो चुकी हैं।