नए ज़माने के यूज़र का ख्याल रखते हुए गूगल ने इंडिक कीबोर्ड का पेश किया। इसके बाद कई कंपनियों ने इस दिशा में प्रयोग किए। अब लोकप्रिय कीबोर्ड ऐप स्विफ्टकी में भी गूगल के इंडिक कीबोर्ड जैसे फ़ीचर जोड़े गए है।
ऑनलाइन की दुनिया में क्षेत्रीय भाषाओं के कंटेंट का बोलबाला नहीं है। वैसे कुछ मीडिया कंपनियों ने इस क्षेत्र में निवेश करना शुरू कर दिया है और अपनी पैठ बनाने के लिए पुरजोर कोशिश भी कर रहे हैं।