स्मार्टफोन की दुनिया में लोग बात करने के लिए जुबान के साथ ऊंगलियों पर भी आश्रित होने लगे हैं। आपने सही पहचाना, हम बात कर रहे हैं मैसेज की। मज़ेदार बात यह है कि हर कोई अपनी भाषा में बात करने का भी शौक रखता है। शायद यही वजह है कि दिन प्रतिदिन हिंदी के साथ अन्य क्षेत्रीय भाषाओं के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के मकसद से कंपनियां नई किस्म के प्रयोग कर रही हैं।
नए ज़माने के यूज़र का ख्याल रखते हुए गूगल ने इंडिक कीबोर्ड का पेश किया। इसके बाद कई कंपनियों ने इस दिशा में प्रयोग किए। अब लोकप्रिय
कीबोर्ड ऐप स्विफ्टकी में भी गूगल के इंडिक कीबोर्ड जैसे फ़ीचर जोड़े गए है। पहले इस ऐप से नेटिव हिंदी कीबोर्ड में टाइप करना संभव था। लेकिन अब ट्रांसलिट्रेशन फ़ीचर को इसका हिस्सा बना दिया गया है।
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यानी अगर आप अंग्रेजी में Namaste टाइप करते हैं तो यह अपने आप 'नमस्ते' हो जाता है। कंपनी की ओर से हिंदी और गुजराती भाषा में ट्रांसलिट्रेशन सपोर्ट मुहैया कराई गई हैं।
हमने इस कीबोर्ड ऐप को इस्तेमाल में लाया। आइए आपके साथ अपने अनुभव को साझा करते हैं। बता दें कि हमने इस ऐप के बीटा वर्ज़न को इस्तेमाल में किया है। फाइनल बिल्ड का अनुभव थोड़ा अलग हो सकता है।
सबसे पहले आपको ये कीबोर्ड इंस्टॉल करके इनेबल करना होगा। इसके बाद आप स्विफ्टकी बीटा ऐप को एक्टिव कर दें। ऐप के बारे में टाइपिंग के दौरान आपको बेहतर प्रिडिक्शन देने का दावा किया गया है। इसके बाद आपको अपने ऐप को जीमेल अकाउंट से वैरिफाई करना होगा। अब कीबोर्ड इस्तेमाल करने के लिए तैयार है। आपसे सबसे पहले अपने कीबोर्ड कस्टमाइज़ करने का विकल्प मिलेगा। इसमें लैंगवेज जोड़ना होगा। आप लैंगवेज में जाकर हिंदी फोनेटिक और हिंगलिश भाषा सेलेक्ट कर पाएंगे।
हमने सबसे पहले हिंदी को सेलेक्ट करके इसकी टेस्टिंग की। कंपनी के दावे के मुताबिक, टाइप करना आसान था। इसका प्रिडिक्शन भी ठीक काम कर रहा था। और इसके लिए मैसेज बॉक्स के ठीक नीचे एक प्रिडिक्शन बार बना हुआ दिखता है। कीबोर्ड एक शब्द के कई प्रिडिक्शन देता है। ज़रूरी नहीं है कि वह स्क्रीन पर नज़र आए। आपको कीबोर्ड ऐप की दायीं तरफ ऊपरी हिस्से में एक नीचे वाला निशान नज़र आएगा। आप इसपर क्लिक करके कीबोर्ड द्वारा दिखाए जा रहे अन्य सुझावों को देख पाएंगे।
अगर आपको हिंदी में शब्द लिखना है कि टाइपिंग अंग्रेजी में कीजिए। जैसे ही पहला शब्द खत्म होने वाला हो, ट्रांसलिट्रेशन के हिंदी सुझाव में से सही शब्द को चुन लें। इसके साथ कीबोर्ड अपने आप अनुमान लगा लेता है कि आप हिंदी में लिखना चाहते हो। इसके बाद अगले शब्द अपने आप ही हिंदी में तब्दील होने लगते हैं। लेकिन हमारा अनुभव इतना भी सुखद नहीं रहा।
कई बार हिंदी में लिखते-लिखते शब्द अंग्रेजी में ही रह गए। इस कारण से टाइपिंग का क्रम बार-बार टूटा। हो सकता है कि ऐसा बीटा वर्ज़न के कारण हो रहा हो। उम्मीद है कि यह फाइनल बिल्ड में बेहतर काम करेगा। दावा किया गया है कि किसी एक शब्द के लिए कीबोर्ड ऐप हिंदी और अंग्रेजी दोनों में सुझाव देता है। लेकिन नेटिव हिंदी कीबोर्ड को एक्टिव करने के बाद जब भी हमने किसी शब्द को टाइप किया। कीबोर्ड ने अंग्रेजी का प्रिडिक्शन नहीं दिखाया।
बता दें कि हम पहले से गूगल के इंडिक कीबोर्ड इस्तेमाल करते रहे हैं। ऐसे में इस कीबोर्ड का आदी होने में थोड़ा वक्त लगा। लेकिन हम भरोसे के साथ कह सकते हैं कि यह कीबोर्ड तेजी से काम करता है, खासकर इंग्लिश से हिंदी ट्रांसलिट्रेशन के मामले में। प्रिडिक्शन भी बहुत हद तक सटीक है। और यह इस्तेमाल के साथ और सुधरेगा।
इन सबके अलावा आप चाहें तो कीबोर्ड का साइज़ तय कर सकते हैं। इसके अलावा कीबोर्ड का लेआउट भी अपनी सुविधा और पसंद से बदल सकते हैं। लेकिन गूगल इंडिक कीबोर्ड की जगह इसे इस्तेमाल के लिए आपको ट्रांसलिट्रेशन की थोड़ी कमियों को नज़रअंदाज करना होगा।