4जी स्पीड के मामले में भारत सबसे पीछे: रिपोर्ट

4जी सिग्नल की उपलब्धता के मामले में भारत 14वें पायदान पर रहा है। पिछले साल भारत इस मामले में 11वें स्थान पर था। पिछले साल की बढ़त पर जियो की 'आंधी' का असर हुआ था। साथ ही 4जी स्पीड की तुलना वाली सूची में भारत का प्रदर्शन गिरा है। 4जी एलटीई की स्पीड में 6.13 एमबीपीएस के साथ भारत 77 देशों की सूची में सबसे निचले स्थान पर रहा था। सिंगापुर इस कैटिगरी में 46.64 एमबीपीएस रफ्तार के साथ अव्वल रहा था।

4जी स्पीड के मामले में भारत सबसे पीछे: रिपोर्ट
ख़ास बातें
  • भारत 4जी एलटीई के मामले में अब भी फिसड्डी
  • यूके आधारित ओपनसिग्नल द्वारा जारी की गई द स्टेट ऑफ एलटीई की रिपोर्ट
  • नवंबर 2017 रिपोर्ट के मुकाबले भारत की स्थिति इस बार और खराब
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तकनीक जेनरेशन दर जेनरेशन तेज़ और मज़बूत हो रही है लेकिन भारत 4जी एलटीई के मामले में फिसड्डी साबित हो रहा है। यह खुलासा यूके आधारित ओपनसिग्नल द्वारा जारी की गई द स्टेट ऑफ एलटीई फरवरी 2018 रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट में भारत समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में 4जी एलटीई नेटवर्क की उपलब्धता और रफ्तार को लेकर एक नई सूची जारी की गई है। पिछले साल दिसंबर में आई नवंबर 2017 रिपोर्ट के मुकाबले भारत की स्थिति इस बार और खराब हो गई है। रिपोर्ट कहती है कि देश में 4जी की उपलब्धता गिरी है और भारत स्वीडन और ताइवान से भी पिछड़ गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, 4जी सिग्नल की उपलब्धता के मामले में भारत 14वें पायदान पर रहा है। पिछले साल भारत इस मामले में 11वें स्थान पर था। पिछले साल की बढ़त पर जियो की 'आंधी' का असर हुआ था। साथ ही 4जी स्पीड की तुलना वाली सूची में भारत का प्रदर्शन गिरा है। 4जी एलटीई की स्पीड में 6.13 एमबीपीएस के साथ भारत 77 देशों की सूची में सबसे निचले स्थान पर रहा था। सिंगापुर इस कैटिगरी में 46.64 एमबीपीएस रफ्तार के साथ अव्वल रहा था।

रिपोर्ट के मुताबिक, कई बड़ी जनसंख्या वाले देश इस सूची में बेहतर प्रदर्शन करने से चूक गए हैं। भारत और इंडोनेशिया, दोनों के 4जी डाउनलोड 10 एमबीपीएस से नीचे रफ्तार पर दर्ज किए गए। हाई-स्पीड सिग्नल्स को देखते हुए सिंगापुर और साउथ कोरिया में टैरिफ प्लान इस बार भी महंगे रहे। वहीं, यूएस और रूस फेडरेशन भी 4जी रफ्तार के मामले में पिछड़ते दिखे। रिपोर्ट के मुताबिक, ऊपरी बायीं हिस्से में भारत और थाइलैंड रहे। दोनों ही देशों में 4जी सिग्नल की पहुंच वृहद रही लेकिन यूज़र को रफ्तार देने में वे  3जी की तुलना में पिछड़ गए। पिछले साल आई ओपनसिग्नल की रिपोर्ट में डेटा रफ्तार थमने की प्रमुख वज़ह 'नेटवर्क की भीड़' को माना गया था। नवंबर 2017 में जियो ने एयरटेल, आइडिया और वोडाफोन के मुकाबले कहीं बेहतर रफ्तार यूज़र को मुहैया करवाई थी।   

पिछले साल की बात करें तो रिलायंस जियो नेटवर्क की डाउनलोड स्पीड Airtel, Vodafone और Idea Cellular से कम रही थी। उस दौरान ओपनसिग्नल ने दावा किया था कि रिलायंस जियो भारत में सबसे विस्तृत क्षेत्रों में 4जी सेवा मुहैया करवाती है। लेकिन जब सबसे तेज़ एलटीई नेटवर्क की बात हुई तो स्पीडटेस्ट की तरह ओपनसिग्नल ने भी पाया कि एयरटेल सबसे आगे था। तब दूसरे स्थान पर वोडाफोन रहा और इसके बाद आइडिया का नंबर आया। इन चारों कंपनियों में रिलायंस जियो सबसे पीछे रही थी।
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