• होम
  • टेलीकॉम
  • ख़बरें
  • भारती एयरटेल ने स्पेक्ट्रम की बकाया रकम के लिए सरकार को किया 84 अरब रुपये का भुगतान

भारती एयरटेल ने स्पेक्ट्रम की बकाया रकम के लिए सरकार को किया 84 अरब रुपये का भुगतान

कंपनी ने बताया कि टेलीकॉम डिपार्टमेंट को किए गए भुगतान में 9.3 प्रतिशत का इंटरेस्ट रेट भी शामिल है

भारती एयरटेल ने स्पेक्ट्रम की बकाया रकम के लिए सरकार को किया 84 अरब रुपये का भुगतान

कंपनी ने यह नहीं बताया है कि इस भुगतान के बाद उसे कितनी बकाया रकम चुकानी है

ख़ास बातें
  • भारती एयरटेल ने 2016 में लगभग 17,852 करोड़ रुपये में स्पेक्ट्रम खरीदा था
  • पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों की अपील को ठुकरा दिया था
  • इससे वोडाफोन आइडिया को बड़ा झटका लगा है
विज्ञापन
बड़ी टेलीकॉम कंपनियों में शामिल Bharti Airtel ने स्पेक्ट्रम की बकाया रकम के एक बड़े हिस्से का केंद्र सरकार को भुगतान कर दिया है। कंपनी ने सरकार को 84 अरब रुपये से ज्यादा का भुगतान किया है। कंपनी ने 2016 में लगभग 17,852 करोड़ रुपये में स्पेक्ट्रम खरीदा था। 

हालांकि, भारती एयरटेल ने यह नहीं बताया है कि इस भुगतान के बाद उसे कितनी बकाया रकम चुकानी है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की बकाया रकम के दोबारा कैलकुलेशन के टेलीकॉम कंपनियों के निवेदन को ठुकरा दिया था। भारती एयरटेल ने बताया कि टेलीकॉम डिपार्टमेंट को किए गए 84 अरब रुपये से ज्यादा के भुगतान में 9.3 प्रतिशत का इंटरेस्ट रेट शामिल है। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इसने 2012 और 2015 की स्पेक्ट्रम फीस का पूरा भुगतान कर दिया था। इस बारे में भारती एयरटेल ने Reuters की ओर से टिप्पणी के लिए भेजे गए निवेदन का उत्तर नहीं दिया। 

रेटिंग एजेंसी ICRA के एनालिस्ट्स का अनुमान है कि भारती एयरटेल और Vodafone Idea को एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) की बकाया रकम के तौर पर सरकार को लगभग एक लाख करोड़ रुपये का भुगतान करना है। इसमें स्पेक्ट्रम चार्जेज और लाइसेंसिंग फीस शामिल है। इन कंपनियों ने अंतिम विकल्प के तौर पर सुप्रीम कोर्ट के तीन वर्ष पहले के एक समान फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी। इनकी दलील थी कि टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने AGR की कथित बकाया रकम के कैलकुलेशन में गल्तियां की थी। इन कंपनियों का कहना था कि उनकी कोर सर्विसेज से मिलने वाले रेवेन्यू को ही बकाया रकम के कैलकुलेशन में गिना जाना चाहिए, जबकि सरकार की दलील थी कि AGR में नॉन-कोर रेवेन्यू को भी शामिल किया जाना चाहिए। इसमें किराए या जमीन की बिक्री से मिलने वाली रकम भी है। 

सुप्रीम कोर्ट ने 2019 के एक फैसले में AGR के कैलकुलेशन की सरकार की परिभाषा को सही ठहराया था। AGR के दोबारा कैलकुलेशन के निवेदन को सुप्रीम कोर्ट के अस्वीकार करने से मुश्किलों से जूझ रही Vodafone Idea को बड़ा झटका लगा है, जिसे सरकार को स्पेक्ट्रम चार्जेज और लाइसेंस फीस के तौर पर लगभग 700 अरब रुपये का भुगतान करना है। केंद्र सरकार इस कंपनी में 23.1 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ी शेयरहोल्डर भी है। 

 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. सोशल मीडिया पर कंटेंट को ब्लॉक करने के रूल्स की पड़ताल करेगा सुप्रीम कोर्ट 
  2. क्रिप्टो मार्केट में आ सकती है तेजी, ट्रंप की क्रिप्टोकरेंसी का रिजर्व बनाने की तैयारी
  3. Samsung Galaxy A36 5G, Galaxy A56 5G इस कीमत में साथ भारत में खरीदने के लिए हुए उपलब्ध, जानें लॉन्च ऑफर्स
  4. स्कूलों में स्मार्टफोन पर पूरी तरह बैन सही नहीं! कोर्ट ने जारी की गाइडलाइन्स
  5. Blinkit की 10 मिनट में एंबुलेंस की सर्विस ने बचाया मरीज का जीवन
  6. बच्चों के डाटा प्राइवेसी को लेकर यूके कर रहा TikTok और Reddit की जांच
  7. OnePlus Red Rush Days Sale: OnePlus 13, OnePlus 12 से लेकर वॉच और ईयरबड पर 10 हजार तक डिस्काउंट
  8. Google कर्मचारियों को 60 घंटे काम करने की सलाह, को-फाउंडर ने बताई ये वजह
  9. स्पेस में फंसी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स की इस महीने होगी वापसी, NASA कर रही तैयारी
  10. Samsung का तगड़ा एक्सचेंज प्रोग्राम! Galaxy S25 Ultra खरीदने पर Rs 15 हजार तक का लॉयल्टी बोनस
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »