लीना मणिमेकलाई (Leena Manimekalai) की डॉक्युमेंट्री फिल्म काली (Kaali) के पोस्टर पर विवाद जारी है। मणिमेकलाई ने एक ट्वीट के जरिए फिल्म काली का पोस्टर रिलीज किया था, जिसको लेकर देशभर में गुस्सा देखने को मिला है। उनकी फिल्म के पोस्टर में पोशाक पहने हुए एक महिला को दिखाया गया है, जो देवी काली को चित्रित करती है। वह सिगरेट पी रही है और हाथ में LGBT कम्युनिटी का झंडा लिए हुए है। माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर (Twitter) ने ऐक्शन लेते हुए लीना मणिमेकलाई के 2 जुलाई के विवादित ट्वीट को हटा दिया है।
ट्विटर की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए लीना ने एक ट्वीट में पूछा कि क्या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘नफरत फैलाने वालों' के पोस्ट को भी रोकेगा। उन्होंने लिखा है, यह हास्यप्रद है। क्या @TwitterIndia 200000 नफरत फैलाने वालों के ट्वीट को रोक देगा?! इन लोलाइफ ट्रोल्स ने ट्वीट किया और वही पोस्टर फैलाया जो उन्हें आपत्तिजनक लगता है।
हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि ट्विटर ने वास्तव में ट्वीट को कब हटाया। उस ट्वीट को ट्विटर के एक मैसेज से रिप्लेस कर दिया गया है। इसमें लिखा गया है कि @LeenaManimekali के ट्वीट को कानूनी मांग के जवाब में भारत में रोक दिया गया है।
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का मामला दर्ज किया गया है। देवी काली पर उनकी टिप्पणी से विवाद खड़ा हो गया है। भोपाल में मोइत्रा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 295ए के तहत धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया है।
दूसरी ओर, केंद्र सरकार के कुछ आदेशों के खिलाफ ट्विटर इंडिया ने भी कर्नाटक हाई कोर्ट में अपील दायर की है। कंपनी ने कंटेंट को लेकर सरकार के कुछ आदेशों को वापस लेने की मांग उठाई है। बताया जाता है कि ट्विटर ने अधिकारियों की ओर से सत्ता का दुरुपयोग बताते हुए आदेशों को कानूनी तौर पर चुनौती दी है। ट्विटर से कुछ पोस्ट समेत विभिन्न कंटेंट पर ऐक्शन लेने को गया था, इनमें अलग खालिस्तान सपोर्ट, कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और कोरोना महामारी से निपटने में सरकार की आलोचना करने वाली पोस्ट शामिल हैं। आदेशों का पालन नहीं करने पर पिछले महीने ट्विटर को चेतावनी भी दी गई थी।