सूर्य हमारे सौरमंडल का राजा है! सभी ग्रह इसके चारों ओर चक्कर लगाते हैं। जिस तरह से
अंतरिक्ष एजेंसियों ने मंगल, शुक्र आदि ग्रहों पर मिशन भेजे हैं, उसी तरह सूर्य को खंगालने की कोशिश की जा रही है। यह आसान काम नहीं है। सूर्य के पास जाना मतलब राख हो जाना। इसीलिए कुछ टेलीस्कोप एक निश्चित दूरी से सूर्य को खंगाल रहे हैं, जबकि कुछ पृथ्वी से सूर्य को कैप्चर कर रहे हैं। इस दफा जो तस्वीरें सामने आई हैं, उन्हें पृथ्वी पर मौजूद दुनिया के सबसे बड़े सौर टेलीस्कोप ने कैप्चर किया है। इसने सूर्य की एक-एक डिटेल को अपने कब्जे में लिया है।
हवाई द्वीप में एक पहाड़ की चोटी पर लगाया गया ‘डेनियल के. इनौये सोलर टेलीस्कोप' (DKIST) एक साल से सूर्य को टटोल रहा है। यह सूर्य में होने वाली एक्टिविटी से जुड़ा हाई रेजॉलूशन डेटा इकट्ठा कर रहा है। स्पेसडॉटकॉम के मुताबिक, इस डेटा की मदद से वैज्ञानिकों को कुछ बड़े सवालों के जवाब मिल सकते हैं।
जानकारी के
अनुसार, DKIST ने सूर्य की जो नई तस्वीरें ली हैं, उनमें ‘सूर्य की सतह' पर पृथ्वी के आकार के सनस्पॉट उभरे हुए दिखाई देते हैं। ऐसे ही सनस्पॉट्स से कोरोनल मास इजेक्शन और सोलर फ्लेयर जैसी घटनाएं होती हैं। कई बार उनका असर पृथ्वी तक होता है। ये सनस्पॉट कुछ समय के लिए उभरते हैं। यह अवधि एक सप्ताह की हो सकती है।
DKIST की टीम का कहना है कि उसकी तस्वीरों में दिख रहे सनस्पॉट, पेनम्ब्रा नाम के लंबे फिलामेंटरी क्षेत्रों से घिरे हुए हैं। टेलीस्कोप ने विजिबल-ब्रॉडबैंड इमेजर नाम के एक पावरफुल कैमरे की मदद से ये तस्वीरें लीं। यह कैमरा सूर्य के फोटोस्फीयर और क्रोमोस्फीयर की हाई-रेजॉलूशन तस्वीरें खींच सकता है।
गौरतलब है कि सूर्य अपने 11 साल के चक्र से गुजर रहा है और बहुत अधिक एक्टिव फेज में है। इसे सोलर मैक्सिमम कहा जाता है। इस वजह से सूर्य में काफी सनस्पॉट उभर रहे हैं और कोरोनल मास इजेक्शन व सोलर फ्लेयर्स की घटनाएं हो रही हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) पहले ही बता चुकी है कि सूर्य में हो रही इन घटनाओं का दौर अभी कुछ वर्षों तक जारी रहेगा। बहरहाल, सूर्य की नई तस्वीरें रोमांचित करने वाली हैं। इनमें से कुछ मधुमक्खी के छत्ते जैसी नजर आती हैं।