इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन में आती है भयंकर बदबू, वजह जानकर नहीं रुकेगी आपकी ‘हंसी’

साल 2016 में स्‍पेस स्टेशन पर 186 दिन बिताने वाले 50 वर्षीय टिम पीक ने एक पॉडकास्ट के दौरान 8 साल के बच्चे द्वारा पूछे गए एक सवाल में जवाब में यह हैरान करने वाली बात बताई।

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प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 22 जून 2022 14:24 IST
ख़ास बातें
  • अंतरिक्ष यात्री के मुताबिक स्‍पेस में यात्री ज्‍यादा पादते हैं
  • इस वजह से वहां हमेशा बदबू आती रहती है
  • इसी बदबू के बीच रहते हुए उन्‍हें काम करना पड़ता है

टिम पीक से पूछा गया था कि स्‍पेस स्‍टेशन में हेलमेट पहनने के बाद अंतरिक्ष में डकार आना उन्‍हें कैसा लगता है?

इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) को अंतरिक्ष में यात्रियों का घर कहा जाता है। यात्री जब स्‍पेस स्‍टेशन के लिए उड़ान भरते हैं, तो पृथ्‍वी पर लाखों लोगों के लिए यह कौतुहल होता है कि वह वहां किस तरह से रहते होंगे। अंतरिक्ष में यात्रियों के पास तमाम सुविधाएं होती हैं, इसके बावजूद एक समस्‍या उन्‍हें सताती है। स्‍पेस स्‍टेशन में लंबा वक्‍त गुजारने वाले एक यात्री ने इसका खुलासा किया है, जिसके बारे में जानकर आपके चेहरे पर भी मुस्‍कुराहट बिखर जाएगी। अंतरिक्ष यात्री ने बताया है कि इंटरनेशनल स्‍पेस स्टेशन से एक ‘बारबेक्यू' की तरह बदबू आती है, क्योंकि ऑर्बिट में अंतरिक्ष यात्री ज्‍यादा गैस पास करते हैं। 

डेली स्‍टार की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2016 में स्‍पेस स्टेशन पर 186 दिन बिताने वाले 50 वर्षीय टिम पीक ने एक पॉडकास्ट के दौरान 8 साल के बच्चे द्वारा पूछे गए एक सवाल में जवाब में यह हैरान करने वाली बात बताई।  

टिम पीक से पूछा गया था कि स्‍पेस स्‍टेशन में हेलमेट पहनने के बाद अंतरिक्ष में डकार आना उन्‍हें कैसा लगता है? टिम ने कहा कि यह एक अच्‍छा सवाल है। उन्‍होंने खुलासा किया कि वास्‍तव में यात्री अंतरिक्ष में नहीं डकारते हैं। उन्‍होंने बताया कि जब हम खाना खाते हैं, तो शरीर उसे पचाना शुरू कर देता है। इस दौरान गैस का उत्‍पादन होता है, लेकिन अंतरिक्ष में गैस के बुलबुले उठ नहीं पाते। ऐसे में उनके बाहर आने का एक ही ‘रास्‍ता' बचता है। टिम ने कहा कि इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन में वास्‍तव में एक ‘असामान्‍य' गंध आती थी। 

टिम का खुलासा वाकई अजीब है, क्‍योंकि आज तक किसी भी अंतरिक्ष यात्री ने इस पर बात नहीं की। गौरतलब है कि अंतरिक्ष में रहने के दौरान यात्रियों को कई बदलावों से गुजरना पड़ता है। उनके मस्तिष्‍क पर भी इसका असर होता है। बीते दिनों आई एक रिपोर्ट में पता चला था कि रिसर्चर्स ने ISS पर आने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के दिमाग में बदलाव का पता लगाया है। उन्‍होंने 15 अंतरिक्ष यात्रियों के दिमाग पर शोध किया। पता चला कि मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं के आसपास की जगह, जो द्रव यानी फ्लूइड से भरी होती है, उसमें बदलाव आ गया। 

इसके अलावा भी कई तरह की मुश्किलों से वहां यात्रियों को जूझना होता है। इनमें से एक वह गैस पास करने की समस्‍या भी है, जिसका खुलासा अब किया गया है। 
 
 

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