15 मिनट की ज्यादा नींद कर सकती है कमाल! स्टडी में दावा

रिसर्च में 3222 किशोरों को शामिल किया गया जिनकी उम्र 9 साल से 14 साल के बीच थी।

15 मिनट की ज्यादा नींद कर सकती है कमाल! स्टडी में दावा

नींद की अवधि में हल्की सी बढ़ोत्तरी दिमागी सेहत पर कमाल का असर डाल सकती है- स्टडी

ख़ास बातें
  • यह युवाओं में ज्ञान की क्षमता को बढ़ा सकती है
  • रिसर्च में 3222 किशोरों को शामिल किया गया
  • रीडिंग, प्रॉब्लम सॉल्विंग और फोकस में होता है सुधार
विज्ञापन
हम और आप हमेशा ही सुनते आए हैं अच्छी नींद अच्छी सेहत और अच्छे दिमाग के लिए बहुत जरूरी होती है। ऐसा अक्सर देखने में आता है कि किसी गंभीर बिमारी में भी डॉक्टर मरीज को अच्छी नींद देने की कोशिश करते हैं ताकि बिमारी जल्द से जल्द ठीक हो सके। औसत रूप से इंसानों के लिए कहा जाता है कि हमें रात में कम से कम 6 से 8 घंटे की नींद तो लेनी ही चाहिए। लेकिन क्या आप जानते हैं अगर आप 15 मिनट की नींद भी ज्यादा लेते हैं यह कैसा चमत्कारी असर आपके दिमाग पर डाल सकती है? एक नए शोध में दावा किया गया है कि नींद की अवधि में हल्की सी बढ़ोत्तरी भी युवाओं में ज्ञान संबंधी कौशल (cognitive abilities) में कमाल की बढ़ोत्तरी कर सकती है। आइए जानते हैं विस्तार से कि नई रिसर्च में क्या दावा किया गया है। 

नींद लेने की अवधि को लेकर एक नई रिसर्च सामने आई है जो कहती है कि नींद की अवधि में हल्की सी बढ़ोत्तरी दिमागी सेहत पर कमाल का असर डाल सकती है। यह युवाओं में ज्ञान की क्षमता को बढ़ा सकती है। रिसर्च में 3222 किशोरों को शामिल किया गया जिनकी उम्र 9 साल से 14 साल के बीच थी। इसमें पाया गया कि जो किशोर थोड़ी ज्यादा नींद ले रहे थे उनकी दिमागी क्षमता में बढ़ोत्तरी हुई। नींद की औसत अवधि यहां पर 7 घंटे 10 मिनट रखी गई थी, लेकिन जो किशोर इससे केवल 15 मिनट ज्यादा, यानी 7 घंटे 25 मिनट की औसत नींद ले रहे थे उनमें पढ़ाई, समस्या के समाधान और ध्यान केंद्रित करना आदि चीजों में बेहतर रिजल्ट मिले। यानी रीडिंग, प्रॉब्लम सॉल्विंग और फोकस इन किशोरों में ज्यादा पाया गया। 

कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की क्लिनिकल न्यूरोसाइकोलॉजिस्ट बारबरा साहकियान के अनुसार, 'हालांकि प्रत्येक ग्रुप को मिलने वाली नींद की मात्रा में अंतर अपेक्षाकृत कम था, जो कि सबसे अच्छे और सबसे खराब सोने वालों के बीच मात्र एक चौथाई घंटे (15 मिनट) का अंतर था, फिर भी हम दिमाग की संरचना और गतिविधि में, तथा कार्यों में उनकी अच्छी तरह से प्रस्तुति में अंतर देख सकते थे।'

शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के हार्ट रेट का भी आकलन किया, जिसमें पाया गया कि ग्रुप-3 में नींद की अवस्थाओं में सबसे कम हार्ट रेट था और ग्रुप-1 में सबसे अधिक। कम हार्ट रेट आमतौर पर बेहतर स्वास्थ्य का संकेत है, जबकि ज्यादा हार्ट रेट अक्सर खराब नींद की गुणवत्ता के साथ होता है जैसे बेचैन नींद, बार-बार जागना और दिन में अत्यधिक नींद आना।
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News
Turbo Read

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. हाइवे पर फ्री AC रूम, Wi-Fi और शॉवर, बस भरवाना है फ्यूल; बुकिंग सीधा मोबाइल ऐप से
  2. Vivo T4 Pro vs Realme 15 5G vs Nothing Phone 3a: 30 हजार में कौन सा है बेस्ट
  3. Samsung की AI वाली वॉशिंग मशीन, कपड़ों को गीला किए बिना करेगी साफ, प्रेस करने का भी झंझट खत्म!
  4. ऑनलाइन डिजिटल स्कैम के शिकार तो नहीं हुए आप? ऐसे करें ऑनलाइन शिकायत
  5. Gmail पर Spam Email को ऐसे करें Block, स्टोरेज भी हो जाएगी खाली, फॉलो करें ये स्टेप्स
  6. Motorola G06 में मिल सकता है MediaTek Helio G81 Extreme चिपसेट
  7. भारत में एपल ने की 9 अरब डॉलर की रिकॉर्ड सेल्स, iPhones की बड़ी हिस्सेदारी 
  8. Motorola ने लॉन्च किया Book 60 Pro, 14 इंच OLED डिस्प्ले, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  9. Motorola ने पेश किया Edge 60 Neo, 6.4 इंच pOLED डिस्प्ले, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  10. TCL ने लॉन्च किया 7.2-इंच डिस्प्ले वाला NxtPaper 60 Ultra, इसमें है आंखों की सेफ्टी के लिए स्पेशल टेक्नोलॉजी, जानें कीमत
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »