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क्‍या खत्‍म हो जाएगी दुनिया? सूर्य से 20 गुना गर्म तारा आ रहा आकाशगंगा के करीब, जोरदार टक्‍कर का अनुमान

यह हमारे तारामंडल का तीसरा सबसे चमकदार तारा है, लेकिन एक जगह स्थिर नहीं रहने की वजह से सुर्खियों में रहता है।

क्‍या खत्‍म हो जाएगी दुनिया? सूर्य से 20 गुना गर्म तारा आ रहा आकाशगंगा के करीब, जोरदार टक्‍कर का अनुमान

कुछ वैज्ञानिकों का यह मानना है कि इस तारे की उत्‍पत्ति एक बाइनरी तारे में सुपरनोवा विस्‍फोट से हुई होगी।

ख़ास बातें
  • 30 से 40 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से बढ़ रहा पृथ्‍वी की ओर
  • ज़ेटा ओफ़ियुचि हमारे सूर्य से 20 गुना ज्‍यादा गर्म है
  • इस तारे पर अभी ज्‍यादा रिसर्च नहीं हो सकी है
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एस्‍टरॉयड या धूमकुते का हमारे ग्रह की ओर आना एक सामान्‍य घटना है। अब इससे भी बड़ा कुछ होने वाला है। हमारे आसमान के सबसे पॉपुलर और अजीब तारों में से एक तारा ज़ेटा ओफ़ियुचि (Zeta Ophiuchi) मिल्‍की-वे की ओर बढ़ रहा है। मिल्‍की-वे यानी हमारी आकाशगंगा। एक्‍सपर्ट का अनुमान है कि करीब 30 से 40 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से हमारी आकाशगंगा की ओर बढ़ रहा यह तारा इससे टकराएगा। आपको हैरानी होगी जानकर कि ज़ेटा ओफ़ियुचि हमारे सूर्य से 20 गुना ज्‍यादा गर्म है। 

रिपोर्टों के अनुसार, अभी यह तारा हमारी पृथ्‍वी से 440 प्रकाश वर्ष दूर ओफ‍िचस के भूमध्यरेखीय नक्षत्र में पाया जाता है। यह अकेला तारा है जो ओफ‍िचस नक्षत्र में पाया जाता है। यह हमारे तारामंडल का तीसरा सबसे चमकदार तारा है, लेकिन एक जगह स्थिर नहीं रहने की वजह से सुर्खियों में रहता है। हमारी आकाशगंगा में ऐसे तारे दुर्लभ हैं और इनका जीवनकाल भी छोटा होता है। अब, हालांकि, इसे अपने आप क्षेत्र में घूमते हुए देखा जा सकता है। इन सितारों का जीवनकाल आमतौर पर छोटा होता है।

कुछ वैज्ञानिकों का यह मानना है कि इस तारे की उत्‍पत्ति एक बाइनरी तारे में सुपरनोवा विस्‍फोट से हुई होगी। सुपरनोवा विस्‍फोट तब होता है, जब कोई तारा बूढ़ा हो जाता है। इस तारे पर अभी ज्‍यादा रिसर्च नहीं हो सकी है। कुछ शोध चल रहे हैं, जिनके तहत रिसर्चर इस तारे के हैबिटेट और परिवेश को समझने की कोशिश कर रहे हैं। 

वैज्ञानिकों ने जिज्ञासा को प्रोत्साहित किया है, और वर्तमान में कई अध्ययन किए जा रहे हैं। हालांकि, शोधकर्ता इस अजीबोगरीब तारे के आवास और परिवेश को समझने के लिए काम कर रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तारे की रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रति सेकंड की है। इसके कोर में हीलियम और हाइड्रोजन की मौजूदगी है, जो इसे एक ओ टाइप तारा बनाते हैं। अभी यह कहना जल्‍दबाजी होगी कि अगर यह तारा हमारी आकाशगंगा से टकराता है, तो उसके क्‍या परिणाम होंगे। वैज्ञानिक रिसर्च के बाद ही इस पर कोई पुख्‍ता जानकारी सामने आ सकेगी। 
 
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प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

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