मोटापा कम करने में 'म्यूजिक' करेगा मदद! कैसे? वैज्ञानिकों ने बताया

ध्वनिक ध्वनि तरंगे हमारी कोशिकाओं के बर्ताव को बदल सकती हैं- स्टडी

मोटापा कम करने में 'म्यूजिक' करेगा मदद! कैसे? वैज्ञानिकों ने बताया

जापानी शोधकर्ताओं ने मोटापा कम करने का एक नया तरीका सुझाया है।

ख़ास बातें
  • जापानी शोधकर्ताओं ने मोटापा कम करने का एक नया तरीका सुझाया है
  • ध्वनि तरंगे मैकेनिकल तरंगों की बनी होती हैं
  • चूहों की मांसपेशियों की कोशिकाओं पर तीन तरह की साउंड का टेस्ट किया गया
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मोटापा कम करने के लिए आपने अक्सर लोगों को शारीरिक व्यायाम, डाइटिंग, या उपवास आदि करते हुए देखा होगा। मोटापा कम करने के लिए लोग जिम आदि में खूब पसीना बहाते हैं। लेकिन वैज्ञानिकों ने एक नया ही तरीका ढूंढ निकाला है जिससे बिना मेहनत किए मोटापे पर प्रहार हो सकता है। इस काम में ध्वनि तरंगे आपकी मदद कर सकती हैं। जी हां, वैज्ञानिक कह रहे हैं कि ध्वनिक ध्वनि तरंगे (acoustic sound waves) मोटापे को कम करने में मदद कर सकती हैं! लेकिन कैसे? आइए इस नई स्टडी के आधार पर जानने की कोशिश करते हैं। 

जापानी शोधकर्ताओं ने मोटापा कम करने का एक नया तरीका सुझाया है। Communication Biology में एक नई स्टडी प्रकाशित की गई है जिसमें कहा गया है कि ध्वनिक ध्वनि तरंगे हमारी कोशिकाओं के बर्ताव को बदल सकती हैं, जिससे कि इन्हें शरीर में फैट बनाने से रोकने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। चूंकि ध्वनि तरंगे मैकेनिकल तरंगों की बनी होती हैं जो हवा, पानी और उत्तकों के अंदर से गति कर सकती हैं। इसी आधार पर शोधकर्ताओं ने एक सिस्टम डिजाइन किया है जो कि संवर्धित कोशिकाओं को ध्वनिक तरंगों में स्नान करवाने की बात कहता है। 

स्टडी में वैज्ञानिक जांच करते हैं कि कोशिकाएं ध्वनिक विकिरण की फिजियोलॉजिकल रेंज पर कैसे प्रतिक्रिया करती हैं। यह ध्वनि के जैविक महत्व को यांत्रिक उत्तेजना (mechanical stimulation) के रूप में परिभाषित करता है। जिससे यह जीवन और ध्वनि के बीच मौलिक संबंधों को उजागर करता है। 

वैज्ञानिकों ने प्रयोग के दौरान चूहों की मांसपेशियों की कोशिकाओं पर तीन साउंड का टेस्ट किया। एक था व्हाइट नॉइज, दूसरा 440 Hz टोन है जो कि पियानो का A नोट होता है। तीसरा हाई-पिच 14Hz टोन जो कि सबसे ऊंची पिच के करीब होती है जिसे अधिकतर लोग सुन सकते है। टेस्ट के नतीजे चौंकाने वाले थे क्योंकि ध्वनि के संपर्क में आने के दो घंटे बाद ही 42 जीन (genes) बदल गए थे। 24 घंटे बाद, 145 जीन्स (genes) में बदलाव देखा गया।

वैज्ञानिकों ने पाया कि ध्वनि तरंगों ने एडीपोसाइट विभेदन (adipocyte differentiation) को रोक दिया। यह वो प्रक्रिया होती है जिसमें प्रीएडिपोसाइट्स (अग्रदूत कोशिकाएं) मैच्योर फैट कोशिकाओं में बदल जाती हैं जो फैट को जमा करती हैं। जो मैच्योर हुईं, उन कोशिकाओं में सामान्य से लगभग 15 प्रतिशत कम फैट था। उन्होंने यह भी पाया कि कोशिकाओं की प्रतिक्रिया ध्वनि तरंग की फ्रिक्वेंसी, तीव्रता और पैटर्न पर निर्भर करती है। वर्तमान में, ध्वनिक तरंग चिकित्सा (acoustic wave therapy) का इस्तेमाल सर्कुलेशन को बढ़ाकर और सूजन को कम करके पुराने दर्द, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, और सॉफ्ट टिश्यू की चोटों जैसी स्थितियों के इलाज के लिए किया जा रहा है।
 
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हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

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