सांप का जहर दोगुनी तेजी से भरेगा घाव! IIT जोधपुर ने खोजा जहर से अनोखा इलाज

सांप के जहर में जो रोगाणुरोधी पेप्टाइड मौजूद है इसमें भिन्न हाइड्रोफोबिसिटी और चार्ज स्ट्रक्चर होता है जिसके कारण यह बैक्टीरिया को खत्म करने वाला एक शक्तिशाली हथियार बन जाता है।

सांप का जहर दोगुनी तेजी से भरेगा घाव! IIT जोधपुर ने खोजा जहर से अनोखा इलाज

Photo Credit: istock

सांप के जहर में मौजूद रोगाणुरोधी पेप्टाइड से होगा घावों का इलाज

ख़ास बातें
  • सांप का जहर घावों के इलाज में होगा कारगर
  • आईआईटी जोधपुर में शोधकर्ताओं ने तैयार किया केमिकल कम्पाउंड
  • बैक्टीरियल रसिस्टेंस से भी लड़ सकता है यह केमिकल कम्पाउंड
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सांप का ज़हर जख्मों के लिए बनेगा संजीवनी! जी हां, आईआईटी जोधपुर (IIT Jodhpur) में सांप के जहर से एक ऐसा केमिकल कम्पाउंड तैयार किया गया है जो घावों को बहुत जल्दी ठीक कर देगी। इसके बारे में कहा गया है यह सर्जरी के बाद रह जाने वाले घावों को भी कहीं ज्यादा तेजी से ठीक कर देगा। मेडिकल क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह रोगाणुरोधी पेप्टाइड है जो घावों को जल्दी से भरने में मदद करेगा। 

IIT Jodhpur में डिपार्टमेंट ऑफ बायोसाइंस एंड बायोइंजीनियरिंग एंड डिपार्टमेंट ऑफ स्मार्टहेल्थकेयर में प्रोफेसर सुरजीत घोष ने कहा कि सांप के जहर में जो नुकसानदेही तत्व होता है, उसे हटाकर सिर्फ इसके रोगाणुरोधी गुणों को इस्तेमाल किया गया है। NDTV के अनुसार, वैज्ञानिकों ने एक छोटा हेलिकल पेप्टाइड इसके एन-टर्मिनस पर जोड़ा है ताकि यह कम्पाउंड आसानी से रोगाणु की कोशिश में प्रवेश कर जाए और उसे खत्म कर दे। गौरतलब है कि बढ़ते एंटी बायोटिक इस्तेमाल से अब बैक्टीरिया और अन्य रोगाणुओं में दवाइयों के प्रति रसिस्टेंस का खतरा पैदा हो गया है। मेडिकल क्षेत्र के वैज्ञानिक इसे लेकर चिंता में हैं, क्योंकि इससे दवाइयों का असर होना बंद हो जाएगा, और रोगों का इलाज करने में कठिनाई होने लगेगी। 

सांप के जहर में जो रोगाणुरोधी पेप्टाइड मौजूद है इसमें भिन्न हाइड्रोफोबिसिटी और चार्ज स्ट्रक्चर होता है जिसके कारण यह बैक्टीरिया को खत्म करने वाला एक शक्तिशाली हथियार बन जाता है। इनकी क्षमता बहुत अधिक बताई गई है लेकिन मनुष्यों के लिए इसका इस्तेमाल एक सीमा तक ही किया जा सकता है। इस शोध से अब दो चीजों का समाधान बहुत आसानी से हो सकेगा। पहला ये कि इसमें एक मेम्ब्रेन बनाने वाली क्षमता पाई जाती है जिसके कारण बैक्टिरिया इसके खिलाफ रसिस्टेंस पैदा नहीं कर पाएगा। दूसरा, इसे इंफेक्शन को हटाने वाले पदार्थ की तरह इस्तेमाल किया जा सकेगा। यह खुद भी कारगर होगा, साथ ही इसे दूसरी दवाइयों के साथ मिलाकर भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। 

शोध डॉक्टर सुरजीत घोष व उनके सहयोगियों, प्रोफेसर डॉ साम्या सेन, रामकमल समत, डॉ मौमिता जश, सत्यजीत घोष, राजशेखर रॉय, नबनिता मुखर्जी, सुरोजीत घोष और डॉ जयिता सरकार द्वारा किया गया है। इसे Journal of Medicinal Chemistry में प्रकाशित किया गया है। 
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हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

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