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46 हजार साल से बर्फ में दबे कीड़ों को वैज्ञानिकों ने किया ‘पुनर्जीवित’, जानें पूरा मामला

5 साल पहले साइंटिस्‍ट्स ने साइबेरिया में 2 तरह के जमे हुए जीवों की खोज की थी। ये बेहद सूक्ष्‍म ‘नेमाटोड’ (nematodes) थे।

46 हजार साल से बर्फ में दबे कीड़ों को वैज्ञानिकों ने किया ‘पुनर्जीवित’, जानें पूरा मामला

Photo Credit: CNN

स्‍टडी से जुड़े वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्‍होंने जो रेडियोकार्बन डेटिंग की है, वो बिलकुल सटीक है।

ख़ास बातें
  • क्रिप्टोबायोटिक अवस्था में जी रहे थे कीड़े
  • उस अवस्‍था में बिना ऑक्‍सीजन और पानी के जिंदा रह सकता है जीव
  • कोई भी अपना जीवन रोककर दोबारा कर सकता है शुरू
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किसी जीव की जिंदगी कितने साल हो सकती है? 100, 200 या 500 साल। इससे ज्‍यादा हम सोचना भी नहीं चाहेंगे। लेकिन वैज्ञानिकों ने जो करके दिखाया है, वो चौंकाने वाला है। 5 साल पहले साइंटिस्‍ट्स ने साइबेरिया में 2 तरह के जमे हुए जीवों की खोज की थी। ये बेहद सूक्ष्‍म ‘नेमाटोड' (nematodes) थे। वैज्ञानिकों ने उन्‍हें पुनर्जीवित किया था। जीवों पर हुई स्‍टडी के बाद यह पता चला है कि वो 46 हजार साल पुराने हैं। एक जीव तो पूरी तरह से नई प्रजाति है, जिसे आज से पहले कभी नहीं खोजा गया था। 

वैज्ञानिकों ने सूक्ष्‍म ‘नेमाटोड' को उत्तरपूर्वी आर्कटिक के इलाके में एक गाद में जमे हुए जीवाश्‍म बिल से पाया था। बिल से पौधों का जो मटीरियल मिला, उससे पता चला है कि कीड़े 45,839 से 47,769 साल पुराने हैं और प्लेइस्टोसिन युग (Pleistocene era) के खत्‍म होते-होते जम गए थे। इससे जुड़ी स्‍टडी पीएलओएस जेनेटिक्स जर्नल में पब्लिश हुई है। 

स्‍टडी से जुड़े वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्‍होंने जो रेडियोकार्बन डेटिंग की है, वो बिलकुल सटीक है। इससे संबंधित एक वीडियो रॉयटर्स ने ट्वीट किया है, जिसमें वैज्ञानिकों का पक्ष सुना जा सकता है। सीएनएन से बात करते हुए स्‍टडी के सह-लेखक टेयमुरास कुर्जचालिया ने महत्‍वपूर्ण जानकारी दी। 
 

उन्‍होंने क्रिप्टोबायोटिक अवस्था (cryptobiotic state) के बारे में समझाया। कहा कि उस अवस्‍था में जीव बिना ऑक्‍सीजन और पानी के जीवित रह सकता है। वह जीवन और मृत्‍यु के बीच की स्थिति होती है। उन्‍होंने दावा किया कि कोई भी अपने जीवन को रोककर उसे दोबारा शुरू कर सकता है। 

लैब में कीड़ों पर प्रयोग करने के दौरान वैज्ञानिकों को पता चला कि वो ट्रेहलोज (trehalose) नामक शुगर को रिलीज करते हैं, जो शायद उन्‍हें सूखने और ठंड से बचने में मदद करता होगा। स्‍टडी से यह भी पता चलता है कि जानवर खुद को बदलते मौसम के साथ ढाल सकते हैं। रिसर्चर्स अब यह समझना चाहते हैं कि कोई जीवन कितने वक्‍त तक जीवित रह सकता है और पुनर्जीवित हो सकता है। 


 
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प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

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