वैज्ञानिकों ने खोजी नई तरकीब, ब्‍लैक होल की जोड़ी को समझना होगा और आसान

इसकी मदद से आने वाले समय में खगोलविद मेसियर 87 जैसे छोटे ब्लैक होल का अध्ययन करने में सक्षम हो सकते हैं।

विज्ञापन
गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 10 मई 2022 18:43 IST
ख़ास बातें
  • इस अप्रोच के सिर्फ दो क्राइटेरिया हैं
  • पहला, एक विशायलकाय ब्लैक होल की एक जोड़ी होनी चाहिए
  • यह जोड़ी एक दूसरे के साइड में होनी चाहिए

यह स्‍टडी फिजिकल रिव्यू डी जर्नल में प्रकाशित हुई है।

तीन साल पहले एक ब्‍लैक होल की तस्‍वीर ने दुनिया को हैरान कर दिया था। इवेंट होराइजन टेलीस्कोप ने मेसियर 87 आकाशगंगा के केंद्र में स्थित उस ब्‍लैक होल की इमेज को कैप्‍चर किया था। इस तस्‍वीर में ब्‍लैक होल का वह जोड़ा किसी जलती हुई रिंग की तरह दिखाई दे रहा था, जिसके बीच में गहरा काला गड्ढा था। अब कोलंबिया यूनिवर्सिटी के दो रिसर्चर्स ने ऐसे ब्‍लैक होल के बारे में और समझने के लिए एक तरकीब का आविष्कार किया है। इसकी मदद से आने वाले समय में खगोलविद मेसियर 87 जैसे छोटे ब्लैक होल का अध्ययन करने में सक्षम हो सकते हैं।

इस अप्रोच के सिर्फ दो क्राइटेरिया हैं। इस आविष्‍कार को शुरू करने के लिए विशायलकाय ब्लैक होल की एक जोड़ी होनी चाहिए। यह जोड़ी एक दूसरे के साइड में होनी चाहिए। उस पॉइंट पर जब एक ब्लैक होल दूसरे के सामने से गुजरता है, तब व्यक्ति को प्रकाश की तेज चमक देखने में काबिल होना चाहिए। यह स्‍टडी फिजिकल रिव्यू डी जर्नल में प्रकाशित हुई है।

कोलंबिया में पोस्ट-डॉक्टरेट फेलो और कम्प्यूटेशनल एस्ट्रोफिजिक्स के फ्लैटिरॉन इंस्टीट्यूट के सेंटर और इस स्‍टडी के पहले लेखक ने कहा कि M87 ब्लैक होल की हाई-रेजॉलूशन इमेज कई वर्षों की प्रक्रिया है, जिसमें दर्जनों साइंटिस्‍ट को कोशिश करने की जरूरत होती है। उनका कहना है कि यह तरकीब सिर्फ  बड़े और निकटतम ब्लैक होल के लिए काम करती है, जैसे कि M87 ब्‍लैक होल। यह संभवत: हमारी आकाशगंगा के लिए भी कारगर हो सकती है। खगोलविदों की कोशिश सफल रहती है, तो इस एक्‍सपेरिमेंट का इस्‍तेमाल करके 150 या उससे अधिक विशालकाय ब्लैक होल जोड़ों की पुष्टि की जा सकती है, जिन्‍हें अबतक खोजा जा चुका है।  

हाल ही में MIT के रिसर्चर्स ने हमारी आकाशगंगा ‘मिल्की वे' में 8 नए इको ब्लैक होल बायनेरिज का पता लगाया है। अबतक ऐसे 2 ब्‍लैक होल के बारे में ही जानकारी थी। इको ब्लैक होल बायनेरिज ऐसा सिस्‍टम है, जो एक तारे की परिक्रमा करता है। रिसर्चर्स ने ‘रेवरबेरेशन मशीन' नाम के एक नए ऑटोमेटेड सर्च टूल का इस्‍तेमाल करते हुए नजदीकी ब्लैक होल एक्स-रे बायनेरिज से निकलने वाली चमक और इको को देखा। इस रिसर्च को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) का भी सपोर्ट था। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

The resident bot. If you email me, a human will respond. ...और भी
Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Google Pixel 7 आखिर क्यों हुआ जापान में बैन?
  2. POCO के F7 5G की 1 जुलाई से शुरू होगी बिक्री, Flipkart पर लाइव हुई माइक्रोसाइट
#ताज़ा ख़बरें
  1. POCO के F7 5G की 1 जुलाई से शुरू होगी बिक्री, Flipkart पर लाइव हुई माइक्रोसाइट
  2. UBON SP-85 Party Speaker भारत में लॉन्च, 30W साउंड, 20 घंटे की बैटरी, जानें कीमत
  3. टेक्नोलॉजी की दुनिया से आपके लिए आज की 5 महत्वपूर्ण खबरें
  4. BSNL लगाएगी फ्लैश सेल, फ्री डेटा से लेकर डिस्काउंट तक की पेशकश
  5. Asus का लैपटॉप भारत में 18,990 रुपये में लॉन्च
  6. Samsung Galaxy M36 5G भारत में 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी के साथ लॉन्च, जानें क्या है खास
  7. Redmi K Pad टैबलेट 8.8-इंच डिस्प्ले, 7500mAh बैटरी, 16GB रैम के साथ हुआ लॉन्च, जानें कीमत
  8. Xiaomi YU7 EV: करीब 30 लाख से शुरू होती है इस 835 KM रेंज वाली YU7 EV की कीमत, जानें स्पेसिफिकेशन्स
  9. Google Pixel 7 आखिर क्यों हुआ जापान में बैन?
  10. Xiaomi MIX Flip 2 हुआ 50MP कैमरा, Snapdragon 8 Elite के साथ लॉन्च, जानें सबकुछ
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.