डायनासोर करोड़ों साल पहले पृथ्वी पर बादशाहत करते थे। वे सबसे बड़े जीवों के रूप में मौजूद थे। कहा जाता है कि एस्टरॉयड की टक्कर के कारण पृथ्वी पर कुछ ऐसे हालात पैदा हुए कि उनका सांस लेना मुश्किल हो गया, और पृथ्वी पर खाने-पीने की चीजें जैसे पेड़-पौधे आदि भी समाप्त हो गए। इस कारण वे पृथ्वी से हमेशा के लिए विलुप्त हो गए। लेकिन वैज्ञानिकों को डायनासोरों के जीवाश्म समय समय पर मिलते रहे हैं जिससे उनके प्रकारों के बारे में पता लगता रहा है।
ब्राजील में वैज्ञानिकों को डायनासोरों की एक नई प्रजाति के निशान मिले हैं। ये ब्राजील के शहर अराराक्वारा में पाए गए हैं। यहां डायनासोर की नई प्रजाति के पैरों के निशान पाए गए हैं जिसकी स्टडी करने के बाद शोधकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि यह प्रजाति अभी तक रिकॉर्ड में मौजूद नहीं थी। बीबीसी की
रिपोर्ट के अनुसार, यह कहानी 1980 के दशक से शुरू होती है।
1980 के दशक में इटली के एक पादरी और
जीवाश्म विज्ञानी गुसेप्पे लियोनार्डो ने दावा किया कि उसने डायनासोर के पैरों के निशानों की खोज की है। इन्हें ट्रैकवे (Trackway) नाम दिया गया। उस वक्त इस पर किसी ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया लेकिन लियोनार्डो ने अपनी जिज्ञासावश इन्हें सुरक्षित रखा और काफी जांच पड़ताल के बाद इन्हें 1984 में ब्राजील के म्यूजियम ऑफ अर्थ साइंसेज को सौंप दिया। जहां पर इनके बारे में आगे जांच की गई। गहन जांच पड़ताल और अन्य प्रजाति के डायनासोरों से तुलना करने के बाद एक चौंकाने वाला सच सामने आया। ये सच में डायनासोरों के ही पैरों के निशान थे लेकिन ऐसी प्रजाति के थे, जो अभी तक रिकॉर्ड में आई ही नहीं थी।
शोधकर्ताओं का कहना है कि इन डायनासोरों में कुछ अलग ही विशेषताएं थीं। इनकी पूंछ काफी लंबी थी, पैरों की उंगलियां पतली थीं और तलवे चौड़े थे। ये फुर्तीले थे और अनुमान है कि ये रेगिस्तान में रहने वाले डायनासोर थे। ये लगभग 12.5 करोड़ साल पहले पृथ्वी पर रहा करते थे।
Farlowichnus rapidus नाम इस प्रजाति को दिया गया है। हालांकि ये आकार में छोटे ही थे। 2023 में प्रकाशित स्टडी में कहा गया है कि यह मांसहार करने वाला एक जीव था जो 2 से 3 फीट ऊंचा रहा होगा। इस खोज से पता चलता है कि डायनासोरों ने पृथ्वी के बदलते वातावरण में किस तरह से खुद को ढाला होगा। स्टडी को Cretaceous Research में पब्लिश किया गया है।
हाल में वैज्ञानिकों ने एक और खोज की थी जिसमें कहा गया था कि स्पेन में 12 करोड़ 20 लाख साल पहले एक लंबी गर्दन वाला विशालकाय
डायनासोर घूमा करता था। वह गरुंबटिटन मोरेलेंसिस (Garumbatitan morellensis) नाम की प्रजाति से संबंधित डायनासोर था। इसके जीवाश्म की खोज मोरेला शहर के पास सेंट एंटोनी डे ला वेस्पा नाम की जीवाश्म साइट पर हुई थी।