धरती से 400km ऊपर होंगे 2 स्‍पेस स्‍टेशन, यह देश खर्च कर रहा 7 अरब डॉलर!

Russia Space Station : उम्‍मीद है कि रूसी स्‍पेस स्‍टेशन के शुरुआती मॉड्यूल अगले तीन साल में लॉन्‍च हो जाएंगे।

धरती से 400km ऊपर होंगे 2 स्‍पेस स्‍टेशन, यह देश खर्च कर रहा 7 अरब डॉलर!

Photo Credit: Space.com/getty

रूस X-आकार के पहले मॉड्यूल को साल 2027 तक लॉन्‍च कर सकता है।

ख़ास बातें
  • रूस बना रहा अपना स्‍पेस स्‍टेशन
  • 2027 तक लॉन्‍च हो सकते हैं तीन मॉड्यूल
  • स्‍टेशन का डिटेल रोडमैप आया सामने
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Russia Space Station : रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद रूस और पश्चिमी देश एक-दूसरे के जबरदस्‍त विरोध में हैं। इसका असर अन्‍य क्षेत्रों में भी दिखने लगा है। इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन जिसमें अमेरिका और रूस दोनों भागीदार हैं, अब उनकी राहें अलग हो चुकी हैं। रूस अगले कुछ साल में इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) के कामकाज से हट जाएगा। उसने अपने अलग स्‍टेशन की तैयारी शुरू कर दी है, जिसका डिटेल्‍ड रोडमैप सामने आया है। उम्‍मीद है कि रूसी स्‍पेस स्‍टेशन के शुरुआती मॉड्यूल अगले तीन साल में लॉन्‍च हो जाएंगे।  

रूसी न्‍यूज एजेंसी TASS के हवाले से स्‍पेसडॉटकॉम ने लिखा है कि 2 जुलाई को रूस की स्‍पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस (Roscosmos) ने अपनी प्‍लानिंग के बारे में बताया। वह रूसी ऑर्बिटल सर्विस स्टेशन (ROSS) नाम के स्‍पेस स्‍टेशन पर काम कर रही है। 

रिपोर्ट के अनुसार, रूस X-आकार के पहले मॉड्यूल को साल 2027 तक लॉन्‍च कर सकता है। यह एक रिसर्च और पावर नोड होगा। इसी तरह से 2030 तक और चार मॉड्यूल लॉन्‍च किए जाएंगे। फ‍िर 2033 तक उनमें दो प्रमुख मॉड्यूलों को जोड़ा जाएगा। रोस्‍कोस्‍मोस की प्‍लानिंग है कि साल 2028 में स्‍पेस स्‍टेशन पर अंतरिक्ष यात्रियों का पहला दल भेज दिया जाए। यह भी सुझाव है कि स्‍पेस स्‍टेशन को बिना क्रू के ऑपरेट किया जाए। 

रिपोर्ट के अनुसार, रूस का स्‍पेस स्‍टेशन भी उसी ऊंचाई पर काम करेगा, जिस ऊंचाई पर इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन मौजूद है। यह पृथ्‍वी से 400 किलोमीटर ऊपर है। रूसी स्‍पेस एजेंसी का मानना है कि यह जगह पृथ्‍वी की पूरी सतह को टटोलने के लिए फायदेमंद है। रूस के स्‍पेस स्‍टेशन की अनुमानित लागत लगभग 7 अरब अमेरिकी डॉलर है। 

रूस के स्‍पेस स्‍टेशन की एक अहम कड़ी उसका अंगारा ए5 रॉकेट (Angara A5 rocket) भी है। माना जा रहा है कि यही रॉकेट स्‍पेस स्‍टेशन के मॉड्यूलों को लेकर जाएगा। यह रॉकेट काफी हद तक सफल रहा है, लेकिन अभी तक इसकी सिर्फ टेस्टिंग ही हुई है।
 
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