इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर ‘फंसे' 3 अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर सकुशल वापस लाने का रास्ता नजर आने लगा है। बताया जा रहा है कि रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस (Roscosmos) अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर वापस लाने के लिए एक और सोयुज स्पेसक्राफ्ट लॉन्च करेगी। सितंबर में जिस स्पेसक्राफ्ट में सवार होकर ये अंतरिक्ष यात्री आईएसएस पर पहुंचे थे, वह भी सोयुज ही था। दिसंबर में आईएसएस के साथ अटैच्ड सोयुज स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी आ गई। सबसे पहले कूलेंट लीक होने का पता चला, फिर सोयुज में एक छोटा छेद नजर आया। इसके बाद से कहा जा रहा था कि तीनों अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर वापस लाने के लिए नया स्पेसक्राफ्ट आईएसएस पर भेजा जाएगा।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) और रूस की एजेंसी रोस्कोस्मोस इस
चुनौती से मिलकर लड़ रहे हैं। बीते दिनों यह खबर भी सामने आई थी कि अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने के लिए एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) की मदद भी ली जा सकती है। हालांकि अब एक और सोयुज को लॉन्च करने पर फैसला होता हुआ दिख रहा है।
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रिपोर्टों के अनुसार, रोसकोस्मोस ने कहा कि सर्गेई प्रोकोपयेव, दिमित्री पेटेलिन और फ्रांसिस्को रुबियो के आईएसएस के अभियान को बढ़ाया जा रहा है। ये तीनों अब सोयुज एमएस-23 पर सवार होकर पृथ्वी पर लौटेंगे। इसका मतलब है कि आईएसएस के लिए एक नया स्पेसक्राफ्ट लॉन्च किया जाएगा। रोसकोस्मोस ने बताया है कि सोयुज एमएस-23 स्पेसक्राफ्ट को अनमैंड मोड में 20 फरवरी को लॉन्च किया जाएगा।
MS-22 नाम के सोयुज स्पेसक्राफ्ट में 14 दिसंबर को कूलेंट लीक होने की घटना हुई थी। उसी दिन सालाना होने वाली जेमिनीड उल्का बौछार (Geminid meteor) अपने चरम पर थी। कूलेंट लीक की जानकारी सबसे पहले 19 दिसंबर को सामने आई थी। तब कहा गया था कि सोयुज एमएस-22 कैप्सूल के रेडिएटर पर उल्कापिंड के गिरने से कूलेंट लीक हुआ हो सकता है। हालांकि बाद में इस थ्योरी को खारिज कर दिया गया था। इस बात की जांच जारी है कि सोयुज स्पेसक्राफ्ट में कूलेंट लीक कैसे हुआ।
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