• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • लगातार तीसरे साल ओजोन होल में बढ़ोतरी, लेकिन वैज्ञानिक नहीं हैं चिंतित, जानें क्‍यों?

लगातार तीसरे साल ओजोन होल में बढ़ोतरी, लेकिन वैज्ञानिक नहीं हैं चिंतित, जानें क्‍यों?

इस बढ़ोतरी के बावजूद वैज्ञानिकों का कहना है कि ओजोन होल का आकार अभी भी ओवरऑल नीचे की ओर है।

लगातार तीसरे साल ओजोन होल में बढ़ोतरी, लेकिन वैज्ञानिक नहीं हैं चिंतित, जानें क्‍यों?

1980 के दशक की शुरुआत में वैज्ञानिकों को अंटार्कटिका के ऊपर ओजोन लेयर के पतले होने का पता चला था।

ख़ास बातें
  • वैज्ञानिकों ने कहा, ओजोन होल का आकार ओवरऑल अभी भी नीचे
  • तमाम आंकड़े यह कहते हैं, ओजोन में सुधार हो रहा है
  • इसीलिए वैज्ञानिक ज्‍यादा चिंतित नहीं दिखाई दे रहे हैं
विज्ञापन
ओजोन परत (ozone layer) के बारे में हम सभी ने पढ़ा है। यह पृथ्वी के वायुमंडल की एक लेयर है, जहां ओजोन गैस की सघनता ज्‍यादा होती है। ओजोन लेयर के कारण ही धरती पर जीवन संभव है, क्‍योंकि यह सूर्य ये आने वाली पराबैंगनी किरणों (ultraviolet rays) को 99 फीसदी तक सोख लेती है। ये किरणें जीवन के लिए बहुत हानिकारक हैं। हालांकि तमाम तरह के प्रदूषणों के कारण ओजोन लेयर पतली हो रही है। कई जगह इसमें छेद भी हुए हैं। अंटार्कटिका के ऊपर हर साल बनने वाला ओजोन छिद्र (ozone hole) लगातार तीसरे साल बढ़ा है। लगभग 26.4 मिलियन वर्ग किलोमीटर में यह ओजोन छिद्र साल 2015 के बाद से सबसे बड़ा है। 

हालांकि इस बढ़ोतरी के बावजूद वैज्ञानिकों का कहना है कि ओजोन होल का आकार अभी भी ओवरऑल नीचे की ओर है। लाइव साइंस की रिपोर्ट के अनुसार, नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के चीफ अर्थ साइंटिस्‍ट- पॉल न्यूमैन ने बताया है कि तमाम आंकड़े यह कहते हैं, ओजोन में सुधार हो रहा है।

1980 के दशक की शुरुआत में वैज्ञानिकों को अंटार्कटिका के ऊपर ओजोन लेयर के पतले होने का पता चला था। ध्‍यान रखने वाली बात यह है कि ओजोन प्राकृतिक रूप से समताप मंडल (stratosphere) में बनती और खत्‍म होती है। लेकिन धरती पर पैदा होने वाला प्रदूषण ओजोन को उसके निर्माण के मुकाबले तेजी से नष्‍ट करता है। खासतौर पर रेफ्रीजरेशन और एयर कंडीशनिंग के लिए क्लोरीन या ब्रोमीन का इस्‍तेमाल करने वाली इंडस्‍ट्री से ओजोन को ज्‍यादा नुकसान पहुंचता है।

पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के अनुसार, क्लोरीन का एक अणु ओजोन के 100,000 अणुओं को नष्ट कर सकता है। रेफ्रीजरेशन और एयर कंडीशनिंग में इस्‍तेमाल किए जाने वाले क्लोरोफ्लोरोकार्बन जैसे पदार्थ लंबे समय तक वातावरण में रहते हैं। इसका मलतब है कि इन पदार्थों से क्लोरीन और अन्य रसायन ओजोन परत पर कहर बरपा सकते हैं।

नासा के अनुसार, ओजोन होल को पहली बार 1980 के दशक की शुरुआत में देखा गया था। 2006 में यह रिकॉर्ड बड़ा हो गया था। इस साल ओजोन होल 5 अक्टूबर को पीक पर था और 2015 के बाद से सबसे बड़ा ओजोन होल देखा गया। हालांकि साइंटिस्‍ट बहुत ज्‍यादा चिंतित नहीं हैं। उनका कहना है कि ओवरऑल इसमें सुधार हुआ है। सिर्फ यह साल थोड़ा खराब रहा है, क्‍योंकि इस बार ठंड ज्‍यादा रही। इस वजह से वह लेयर अच्‍छी तरह से नहीं हट पाई, जो ओजोन को नुकसान पहुंचा रही थी।  

नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक 1980 के बाद से वायुमंडल में ओजोन-को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों में 50% की कमी आई है। इसमें गिरावट जारी रही, तो ओजोन परत को साल 2070 तक पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। 
 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Samsung ने 200MP कैमरा, 12GB RAM वाले फोन पर शुरू किया ऑफर, मिल रही 12 हजार की छूट
  2. Samsung के Galaxy Z Fold 7 में हो सकता है Qi 2 चार्जिंग सपोर्ट, WPC पर हुई लिस्टिंग
  3. भारत में जल्द AI+ ब्रांडेड स्मार्टफोन्स लॉन्च करेगी NxtQuantum, Flipkart पर होगी बिक्री
  4. Tesla जैसी इंटरनेशनल कंपनियों के लिए नई EV पॉलिसी की शुरुआत करेगा भारत
  5. Nothing Phone 3 का लॉन्च 1 जुलाई को कंफर्म, पहले ही लीक हुई कीमत
  6. Lava Storm Play 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, MediaTek Dimensity 7060 चिपसेट
  7. Huawei की भारत में Band 10 के लॉन्च की तैयारी, फिटनेस फीचर्स पर होगा जोर
  8. Tata Harrier EV लॉन्च, 600 किलोमीटर से ज्यादा की रेंज, जानें फीचर्स, प्राइस
  9. OnePlus Ace 6, 6 Pro के स्पेसिफिकेशंस लीक, 165Hz OLED डिस्प्ले, Snapdragon 8 सीरीज से होगा लैस
  10. Realme ने Rs 1,599 में लॉन्च किए ANC और 48 घंटे के बैटरी बैकअप वाले TWS ईयरबड्स, जानें स्पेसिफिकेशन्स
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »