हमारे पूर्वजों के बारे में वैज्ञानिक लगातार पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर वे कैसे विलुप्त हो गए थे। निएंडरथल को आधुनिक मानव का सबसे करीबी माना जाता है। लेकिन निएंडरथल विलुप्त हो गए थे। अब शोधकर्ताओं को 50 हजार साल पुराने वायरस के बारे में कुछ सबूत मिले हैं। ये सबूत 50 हजार साल पहले जीवित रहे निएंडरथल की हड्डियों में मिले हैं।
इससे पहले वैज्ञानिक मानते आए थे कि संक्रामक रोगों ने
निएंडरथल के खात्मे में अहम भूमिका निभाई होगी। लेकिन इसके लिए शोधकर्ताओं के पास कोई पुख्ता प्रमाण नहीं थे। क्योंकि प्राचीन
डीएनए को निकालना और उसे एक सीक्वेंस में रखना बहुत ही कठिन काम था। अब आणविक जीवविज्ञानी मार्सेलो ब्रओन्स के नेतृत्व में एक नई
स्टडी की गई है। रूस की Chagyrskaya गुफा में निएंडरथल के जो कंकाल मिले थे, उनके DNA सैम्पलों का विश्लेषण किया गया है।
इसके बाद ब्रिओन्स की टीम ने पाया कि हड्डियों में कुछ ऐसे टुकड़े मिले हैं जो आधुनिक युग के तीन वायरस से मेल खाते हैं। इनमें एडिनोवायरस (कॉमन कोल्ड), हर्पीज वायरस (कोल्ड सोर), और पैपिलोमावायरस (जेनिटल वार्ट्स) शामिल हैं।
हालांकि अभी यह खोज बहुत ही शुरुआती है। वायरस के जो टुकड़े इनमें मिले हैं, वे सुझाते हैं कि इनमें पुराने वायरस रहे होंगे। शोध में यह भी कहा गया है कि निएंडरथलों पर इन वायरस का क्या प्रभाव रहा होगा, अभी यह नहीं कहा जा सकता है। लेकिन इस खोज ने इस संबंध में आगे जांच पड़ताल करने के दरवाजे खोल दिए हैं। इसी के साथ यह खोज उन सभी थ्योरियों को कमजोर कर देती है, जो कहती आई हैं कि निएंडरथल का खात्मा वातावरण के बदलावों या मानव के मानव से संघर्ष के कारण हुआ होगा।
शोधकर्ता इस बात को भी स्वीकार करते हैं कि निएंडरथल के विलुप्त होने में कई कारक शामिल रहे होंगे। हड्डियों में खोजे गए इन वायरस और अन्य जिम्मेदार कारकों के बारे में आगे होने वाली स्टडी हमें उस सत्य के और करीब ले जाएगी जो मानव प्रजाति के इतिहास की बहुत बड़ी घटना से संबंध रखता है।