अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (Nasa) ने पिछले साल दिसंबर में अंतरिक्ष में अबतक के सबसे बड़े टेलीस्कोप को लॉन्च किया था। इसका नाम जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप है, जिसके निर्माण में 10 अरब डॉलर (लगभग 75,330 करोड़ रुपये) की लागत आई है। यह टेलीस्कोप खुद को अंतरिक्ष में सेट कर रहा था। यह काम अब पूरा हो गया है। बीते दिनों नासा ने जानकारी दी थी कि वह 12 जुलाई को जेम्स वेब टेलीस्कोप से ली गई और पूरी तरह से तैयार पहली तस्वीर रिलीज करेगी। उससे ठीक पहले नासा ने एक इंजीनियरिंग टेस्ट फोटो शेयर की है। 32 घंटों में 72 एक्सपोजर का यह रिजल्ट दूर स्थित तारों और आकाशगंगाओं का सेट दिखाता है।
तस्वीर के जरिए नासा ने बताने की कोशिश की है कि आने वाले दिनों में गहरे अंतरिक्ष की कितनी बेहतरीन तस्वीरें सामने आने वाली हैं। मौजूदा इमेज की क्वॉलिटी को सामान्य बताया गया है, इसके बाद भी यह ‘ब्रह्मांड की अब तक की सबसे गहरी छवियों में से एक है'। तस्वीर को वेब टेलीस्कोप के फाइन गाइडेंस सेंसर (FGS) द्वारा कैप्चर किया गया था। नासा ने कहा है कि इस टेस्ट इमेज के कुछ फीचर्स हैं, जो फुल-रेजॉलूशन वाली इमेजेस से अलग हैं, वो तस्वीरें अगले हफ्ते रिलीज की जाएंगी।
हनीवेल एयरोस्पेस में वेब टेलीस्कोप के फाइन गाइडेंस सेंसर के प्रोग्राम साइंटिस्ट नील रॉलैंड्स ने कहा कि जब यह तस्वीर ली गई थी, तो वह इन आकाशगंगाओं की विस्तृत संरचना को स्पष्ट रूप से देखकर रोमांचित हो उठे थे।
नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में वेब टेलीस्कोप के ऑपरेशंस साइंटिस्ट जेन रिग्बी ने बताया है कि इस तस्वीर में दिखने वालीं आकाशगंगाओं का अध्ययन यह टेलीस्कोप आने वाले दिनों में करेगा। नासा के एडमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन ने पिछले हफ्ते कहा था कि वेब टेलीस्कोप किसी भी दूरबीन की तुलना में ब्रह्मांड में सबसे दूर तक देखने की क्षमता रखता है।
उन्होंने बताया था कि यह हमारे सौर मंडल में उन एक्सोप्लैनेट के वायुमंडल का पता भी लगाएगा, जिनका वायुमंडल हमारी तरह अनुमानित है। गौरतलब है कि एक्सोप्लैनेट उन ग्रहों को कहा जाता है, जो हमारे सूर्य के अलावा किसी और तारे की परिक्रमा करते हैं। माना जाता है कि कुछ एक्सोप्लैनेट्स में पृथ्वी की तरह वायुमंंडल और जीवन की संभावना हो सकती है।
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का यह प्रोजेक्ट NASA, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी ने मिलकर शुरू किया है। इस टेलीस्कोप को 25 दिसंबर को एरियन-5 रॉकेट से लॉन्च किया गया था। अंतरिक्ष में छोड़े जाने के बाद इस टेलीस्कोप ने धीरे-धीरे खुद को खोलना शुरू किया। टेस्टिंग के दौरान भी इसने कुछ तस्वीरें खींचकर पृथ्वी तक भेजी थीं। इन्हें नासा ने शेयर किया था।